समग्र समाचार सेवा
पटना, 19 जुलाई: बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया अंतिम चरण में प्रवेश कर चुकी है। 18 जुलाई 2025 को जारी रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 94.68% मतदाताओं के गणना प्रपत्र प्राप्त हो चुके हैं। राज्य में कुल 7.89 करोड़ मतदाताओं में से मात्र 5.2% यानी 41.10 लाख फॉर्म अब भी लपेटे जाना शेष है। चुनाव आयोग की सख्ती ने इंतजार में खाए मतदाताओं को एक आखिरी मौका प्रदान करने की स्थिति तैयार कर दी है।
डेटा से खुली बड़ी तस्वीर
इस विश्लेषण में सामने आया है कि कुल मतदाताओं में से:
- 12% यानी 7.11 करोड़ EF फॉर्म्स इकट्ठा हो चुके हैं
- 79% यानी 6.85 करोड़ फॉर्म डिजिटाइज किए जा चुके हैं
- 67% यानी 3.69 लाख मतदाता पतों पर नहीं मिले
- 61% यानी 1.27 लाख मृत घोषित मतदाता पाए गए
- 3% यानी 18.16 लाख अब दूसरे राज्यों में स्थायी रूप से ट्रांसफर हो चुके
- 75% यानी 5.92 लाख के नाम एक से अधिक स्थानों पर दर्ज हैं
- और सिर्फ़ 6,978 मतदाताओं का पता नहीं चल पाया है
इन आंकड़ों से साफ हो रहा है कि SIR प्रक्रिया करीब-करीब अपनी मंजिल पर पहुंच रही है।
ड्राफ्ट मतदाता सूची में एक माह का अवसर
चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि 1 अगस्त 2025 को ड्राफ्ट मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। इसके जारी होने पर सभी नागरिकों, राजनीतिक दलों और चुनाव एजेंटों को एक पूरा महीना नामों में सुधार या नए नाम जोड़ने का अवसर मिलेगा। आयोग यह सुनिश्चिय करेगा कि कोई भी पात्र मतदाता सूचियों से अछूता नहीं रहेगा।
ड्राफ्ट की प्रिंटेड एवं डिजिटल कॉपियां सभी उम्मीदवारों के लिए मुफ़्त उपलब्ध कराई जाएंगी, साथ ही आम जनता इसे आयोग की वेबसाइट पर भी देख सकेगी
अज्ञात एवं बहु-निर्वाचक संबंधित नाम सार्वजनिक
हाईलाइट यह है कि जिन लोगों की स्थिति अस्पष्ट है — चाहे वह मृत घोषित हों, ट्रांसफर हो चुके हों, कई स्थानों पर नामांकन हो या जिनकी फॉर्म लौट न सकी हो — उनकी सूची विशेष रूप से राजनीतिक दलों, जिला अध्यक्षों और बूथ एजेंटों को साझा की जा रही है। इसका उद्देश्य है कि 25 जून 2025 से पहले इन सभी मामलों को टीमबद्ध होकर सत्यापित किया जा सके। यह पहल प्रत्यक्ष जन भागीदारी के माध्यम से मतदाता सूची की पारदर्शिता और पूरी कवरेज सुनिश्चित करने की दिशा में है।
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