समग्र समाचार सेवा
देहरादून, 14 मार्च।
देहरदून स्मार्ट सिटी परियोजना के अन्तर्गत देहरादून शहर में जल की पूर्ति हेतु पंपिंग एक्यूरेसी बढ़ाने के लिए एस्को मॉडल लागू किया जा रहा है। इस मॉडल का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे पंपिंग में होने वाली ऊर्जा खपत में बहुत अधिक बचत होती है । दस वर्षों में पैंतीस करोड़ रुपयों की ऊर्जा बचत के साथ-साथ अतिरिक्त संभावित ऊर्जा बचत के अंश के रूप में तेरह करोड़ लागत की बचत अर्थात् कुल अड़तालिस करोड़ रुपयों की ऊर्जा बचत इस मॉडल के आधार पर अनुमानित है।
इसके अलावा पानी बचाने के लिए कई ओवरहेड टैंकों एवं अन्य स्टोरेज टैंकों में आधुनिक सेंसर फिट किए जा रहें हैं जो पानी बर्बादी को बचाने में अत्यधिक काम आते हैं। जल वितरण के लिए इस्तेमाल किए जा रहे इन कदमों से प्रति दिन एक दशमलव पिछतर मिलियन लीटर पानी की बचत अनुमानित है।
देहरदून स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत उत्तराखण्ड जलसंस्थान द्वारा अनुरक्षित 206 नलकूप एवं 06 पंपिग स्टेशन को पूर्ण रूप से स्वचालित करने व लगभग 70 उच्च जलाशयों से स्वचालित जलापूर्ति की योजना पर कार्य किया जा रहा है जिसके लिए स्वचालित स्काडा प्रणाली के माध्यम से एकीकृत कन्ट्रोल रूम से अनुश्रवण, संचालन व नियत्रण किया जा सकेगा साथ ही इस योजना के अन्तर्गत सभी ट्यूबवैलों के पम्प सयंत्रों, मोटरो व अन्य उपकरणों को बदल कर ऊर्जादक्ष उपकरणों से सुसज्जित किया जायेगा ।
इस परियोजना के प्रथम चरण में नलकूपों पर डैफ्थ सैसंर, फ्लो मीटर तथा एनर्जी मीटर लगाने का कार्य किया जा रहा है। दूसरे चरण में एनर्जी ऐफिशियेन्ट पम्प व मोटर लगाये जायेंगे जिससे विघुत व्यय में उल्लेखनीय बचत होगी। वाटर सप्लाई स्काडा प्रणाली के कार्यो से इनर्जी सेविंग कार्य उत्तराखण्ड में पहली बार किया जा रहा हैं। इससे आपूर्ति किये जाने वाली पेयजल की मात्रा का रियल-टाइम अनुश्रवण व नियंत्रण तथा उसकी गुणवत्ता पर भी ऑन-लाइन नजर रखी जा सकेगी, पानी में क्लोरीन की मात्रा भी कन्ट्रोल रूम से ही नियंत्रित की जा सकेगी। देश में इस स्तर पर अपनी तरह की पहली परियोजना में जलापूर्ति व्यवस्था व गुणवत्ता में व्यापक सुधार परिलक्षित होगा।
देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा परियोजना के अन्तर्गत आधुनिक वाटर मीटर लागाने से राज्य के राजस्व में भी पंद्रह प्रतिशत तक की बढ़ोतरी संभावित है। एस्को मॉडल से दस साल में पम्पिंग मशीनरी की मरम्मत और रखरखाव पर होने वाले पैंतालिस करोड़ रुपयों की बचत भी होगी अनुमानित है ।
वर्तमान में प्रथम चरण के कार्यो के तहत 42 डैफ्थ सैसंर के लिये बोरवैल का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा 62 नलकूपों मे फ्लो मीटर लगाये जा चुके है। शेष कार्य तेजी के साथ प्रगति पर है।
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