समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 17 जुलाई: दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बुधवार को जानकारी दी कि उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने ‘जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना’ में कथित भारी वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए आदेश जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि यह योजना 2020–21 में लागू की गई थी, जिसका उद्देश्य UPSC, SSC और NEET जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए SC, ST और OBC छात्रों को मुफ्त कोचिंग प्रदान करना था।
अंबितहीन बजट और अवास्तविक बिल
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में बताया कि इस योजना के लिए केवल 15 करोड़ रुपये का बजट था, लेकिन 145 करोड़ से अधिक के कोचिंग बिल मंजूर कर दिए गए। सूद ने भी ध्यान दिलाया कि 2021–22 में कोविड-19 अवधि में निजी कोचिंग संस्थाओं को यह अत्यधिक भुगतान किया गया। शिक्षा मंत्री ने इस अनियमितता को “भ्रष्टाचार का खुला खेल” करार दिया।
AAP का पलटवार: ‘प्रतिशोध की राजनीति’
वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) ने भाजपा पर पलटवार करते हुए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की जांच को “प्रतिशोध की राजनीति” बताया। पार्टी ने इस बयान में कहा कि “भाजपा ने शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली जैसी सार्वजनिक सेवाओं के सफल मॉडल को बंद कर दिया है” और यह जांच सिर्फ राजनीति का हिस्सा है।
AAP ने आगे कहा कि “दिल्ली के स्कूलों की हर ईंट और मोहल्ला क्लीनिक की हर सुई की जांच करने के बजाय, पहले अपना काम ठीक से करें और फिर वास्तविक मुद्दों पर काम करें।”
राजनीतिक विवाद तेज, जांच की निगाहें
इस पूरे घटनाक्रम ने राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया है। एक तरफ दिल्ली सरकार का दावा है कि योजना में करोड़ों रुपये की गड़बड़ी की गई है, वहीं दूसरी ओर AAP इसे राजनीतिक बदले का एक हथियार बता रही है।
उपराज्यपाल की जांच अधिसूचना पर अब सबकी निगाहें टिकी हैं। यदि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से होती है, तो यह योजना में हुई अनियमितताओं की पूरी तस्वीर सामने ला सकती है।
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