समग्र समाचार सेवा
महाराष्ट्र, 19 जुलाई: मीरा-भायंदर में शुक्रवार को हुई एक जनसभा में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे ने राज्य सरकार को सख्त चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पहली कक्षा से हिंदी को अनिवार्य करने की कोशिश करते हैं, तो MNS स्कूल बंद कराने से पीछे नहीं हटेगी। यह बयान त्रिभाषा नीति पर वार्ता के बीच आया, जो राज्य में नागरीय और राजनीतिक बहस का केंद्र बना हुआ है।
मराठी का गौरव, हिंदी विरोध स्पष्ट
राज ठाकरे ने कहा कि मराठी भाषा की 3,000 वर्ष से अधिक की विरासत है, जबकि हिंदी केवल 200 वर्ष पुरानी भाषा है। उन्होंने आरोप लगाया कि हिंदी अपनाने की कोशिशों को मुंबई को गुजरात से जोड़ने की साजिश की तरह देखा जा रहा है। राज ठाकरे ने कहा, “अगर सरकार हिंदी थोपेगी, तो हम स्कूल बंद करवाएंगे।”
त्रिभाषा नीति पर हमला और विरोधी कार्रवाई
राज ठाकरे ने देवेंद्र फडणवीस द्वारा गठित समिति को कटाक्ष करते हुए बताया कि यह पहला प्रयास नहीं है — “पहले भी जब सरकार कोशिश करती थी, हमने दुकानें बंद करवाई थीं।” हाल में MNS कार्यकर्ताओं ने उन दुकानदारों से मारपीट की जिसने मराठी में बात करने से इनकार किया। उन घटनाओं के बाद भाजपा सरकार ने हिंदी अनिवार्यता के प्रस्ताव वापस लिए थे।
निशिकांत दुबे को चुनौती और मराठी अस्मिता
राज ठाकरे ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की धमकी पर पलटवार करते हुए कहा: “दुबे, तुम मुंबई आओ, डुबो-डुबो के मारेंगे।” उन्होंने स्वतंत्रता पश्चात के दौरान मोरारजी देसाई और वल्लभभाई पटेल की कथित मराठी-विरोधी नीतियां याद दिलाईं। राज ठाकरे ने यह भी कहा कि हिंदी थोपने की कोशिश हिंदुत्व की आड़ में क्षेत्रीय अस्मिता और राजनीतिक चेतना का हनन है।
भाषा से जुड़ी सांस्कृतिक और राजनीतिक चेतना
राज ठाकरे ने लोगों से मराठी बोलने और दूसरों को भी प्रोत्साहित करने का आग्रह किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह मुद्दा केवल भाषाई नहीं, बल्कि संस्कृति, राजनैतिक पहचान और मराठी गर्व से जुड़ा है।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.