‘संचार साथी’ निगरानी का साधन नहीं: सिंधिया
संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ऐप पर भ्रम किया दूर, कहा- यह स्वैच्छिक, प्राइवेसी-सेफ प्लेटफॉर्म है; फर्जीवाड़े में ₹475 करोड़ की संभावित हानि रोकी
- भ्रम का निवारण: संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्पष्ट किया कि संचार साथी ऐप सुरक्षा और जनभागीदारी पर आधारित है, यह निगरानी का साधन नहीं है।
- पूर्ण स्वतंत्रता: उन्होंने कहा कि नागरिक इसे किसी भी समय डिलीट कर सकते हैं, और ऐप तभी सक्रिय होता है जब उपयोगकर्ता स्वेच्छा से इसे रजिस्टर करते हैं।
- बड़ी सफलता: ऐप ने अब तक 40 लाख से अधिक फर्जी कनेक्शन बंद किए हैं और साइबर ठगी में ₹475 करोड़ से अधिक की संभावित आर्थिक हानि को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 2 दिसंबर: केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज संचार साथी ऐप सुरक्षा को लेकर बाजार में फैली भ्रामक अफवाहों पर विराम लगाते हुए एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह ऐप पूरी तरह से लोकतांत्रिक, ग्राहक-केंद्रित और स्वैच्छिक है। यह किसी भी प्रकार से नागरिकों की निगरानी का साधन नहीं है, बल्कि जनभागीदारी पर आधारित एक पारदर्शी डिजिटल सुरक्षा प्लेटफॉर्म है, जिसे नागरिक अपनी मर्जी से सक्रिय और डिलीट कर सकते हैं।
नागरिक-प्रथम और प्राइवेसी-सेफ प्लेटफॉर्म
केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने जोर देकर कहा कि सरकार की सर्वोच्च जिम्मेदारी हर नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। संचार साथी इसी दिशा में एक मजबूत कदम है, जिसका मूल लक्ष्य हर मोबाइल यूज़र को सशक्त, सुरक्षित और जागरूक बनाना है।
उन्होंने इस बात को स्पष्ट रूप से खारिज किया कि यह ऐप निगरानी का माध्यम है। सिंधिया ने बताया, “यह ऐप और पोर्टल नागरिकों को अपने मोबाइल नंबर की सुरक्षा, फर्जी कनेक्शनों की पहचान, खोए-चोरी हुए फोन की ट्रैकिंग और साइबर ठगी से बचाव जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में सक्षम बनाता है।” उन्होंने आगे कहा कि डिजिटल सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और संचार साथी भारत के मोबाइल उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए समर्पित है, बिना उनकी निजता से किसी भी तरह का समझौता किए। ऐप को सक्रिय करना या डिलीट करना, सब कुछ नागरिक के पूर्ण नियंत्रण में है।
संचार साथी की उल्लेखनीय उपलब्धियाँ
केन्द्रीय मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि लॉन्च के बाद से संचार साथी ऐप और पोर्टल ने साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में शानदार सफलता हासिल की है। यह प्लेटफॉर्म अब केवल एक सुरक्षा उपकरण नहीं, बल्कि नागरिक सुरक्षा और जागरूकता का एक बेंचमार्क बन गया है।
संचार साथी की प्रमुख उपलब्धियाँ (दिसंबर 2025 तक): | विवरण | संख्या/राशि | | :— | :— | | पोर्टल विज़िट | 21.5 करोड़ से अधिक | | ऐप डाउनलोड | 1.4 करोड़ से अधिक | | डिस्कनेक्ट किए गए फर्जी कनेक्शन | 40.96 लाख (6.48 लाख नागरिक इनपुट्स पर आधारित) | | ‘Not My Number’ पर डिस्कनेक्ट किए गए कनेक्शन | 1.43 करोड़ से अधिक | | वापस लौटाए गए खोए/चोरी हुए फोन | 7.23 लाख (26 लाख ट्रेस किए गए) | | फ्रॉड-लिंक्ड IMEI ब्लॉक | 6.2 लाख | | रोकी गई संभावित आर्थिक हानि | ₹475 करोड़ से अधिक |
सिंधिया ने बताया कि इस प्लेटफॉर्म ने नागरिकों द्वारा चिह्नित फर्जी कनेक्शनों को बंद करने में बड़ी सफलता पाई है। इसके अलावा, खोए हुए और चोरी हुए लाखों फोनों को ट्रेस करके वापस लौटाने का कार्य इस प्लेटफॉर्म की तकनीकी मजबूती को दर्शाता है।
साइबर सुरक्षा ही मूल लक्ष्य
केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि ऐप के कॉल लॉग फीचर के माध्यम से किसी भी संदिग्ध नंबर की शिकायत दर्ज की जा सकती है, जिससे नागरिक स्वयं और दूसरों को संभावित धोखाधड़ी से बचा सकते हैं। उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया कि वे किसी भी भ्रम में न आएं और संचार साथी ऐप सुरक्षा का उपयोग करें ताकि डिजिटल दुनिया में सुरक्षित रह सकें।
सिंधिया के स्पष्टीकरण ने ऐप की उपयोगिता और प्राइवेसी-सेफ डिज़ाइन पर जोर दिया है, जिससे यह उम्मीद की जा रही है कि नागरिक बिना किसी आशंका के इस प्लेटफॉर्म का उपयोग जारी रखेंगे।
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