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YS Vijayalakshmi

शिंदे की राह क्यों आसान नहीं

’इन चुप्पियों के हाथ कैसे रंगे हैं खून से क्षत-विक्षत शब्द पड़े हैं जो हर तरफ मौन से’    एकनाथ शिंदे के सिर अभी-अभी तो सिरमौर का ताज सजा है, गाजे-बाजों का शोर भी हर  ओर गुंजायमान है, फिर भी क्या बात है कि चुप सन्नाटों की बतकहियां…