समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 18 जुलाई: अमेरिका ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को विदेशी आतंकी संगठन (FTO) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (SDGT) के रूप में घोषित किया है। इस हमले में 26 नागरिकों की जान गई थी और TRF ने इसे दो बार अंजाम देने की जिम्मेदारी ली थी। इस कदम से आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय एकजुटता का नया संदेश सामने आया है।
भारत ने अमेरिकी कार्रवाई को सराहा
भारतीय विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के इस फैसले का तुरंत स्वागत किया। मंत्रालय ने बयान में कहा कि यह निर्णय सीधे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) की वैश्विक और स्थानीय शाखा TRF के खिलाफ उठाया गया है, जिसने जम्मू-कश्मीर में सक्रिय भूमिका निभाई। मंत्रालय ने जोर दिया कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक साझा प्रयास और सहयोग जरूरी हैं, और अमेरिका का यह कदम इन साझेदारियों को पुष्ट करता है।
जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री को दिया धन्यवाद
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्विटर (X) पर खुशी जाहिर की और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो को विशेष रूप से धन्यवाद कहा। उन्होंने लिखा कि यह कार्रवाई भारत–अमेरिका की आतंकवाद के खिलाफ साझा प्रतिबद्धता को दर्शाती है। जयशंकर ने कहा कि यह फैसला TRF को लश्कर-ए-तैयबा की शाखा के रूप में मान्यता देता है और भारत की “जीरो टॉलरेंस” नीति को बढ़ावा देता है।
A strong affirmation of India-US counter-terrorism cooperation.
Appreciate @SecRubio and @StateDept for designating TRF—a Lashkar-e-Tayyiba (LeT) proxy—as a Foreign Terrorist Organization (FTO) and Specially Designated Global Terrorist (SDGT). It claimed responsibility for the…
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 18, 2025
प्रियंका चतुर्वेदी ने वैश्विक एकजुटता पर जताई खुशी
राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इस घोषणा पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने इंस्टाग्राम/X पर पोस्ट करते हुए कहा कि इस फैसले से दुनिया में आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता मजबूत हुई है। उन्होंने FATF की ग्रे लिस्टिंग की दिशा में ऐसे कदमों को महत्वपूर्ण बताया और सभी देशों से लड़ाई में साथ देने की अपील की
वैश्विक सहयोग और आतंकवाद का सामना
इस निर्णय ने साबित कर दिया है कि आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई केवल एक देश की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि बहुपक्षीय सहयोग से ही संभव है। भारत की रीढ़ को मजबूत बनाने वाले स्पष्ट संदेश को अमेरिका जैसे विश्वशक्ति का समर्थन मिला है। प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय लगातार वैश्विक मंचों पर आतंकवाद के खिलाफ साझा कार्रवाई की आवश्यकता पर ज़ोर देते रहे हैं।
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