समग्र समाचार सेवा
भोपाल, 19 अक्टूबर।
मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर होने वाले उपचुनावों को लेकर सियासी घमाशान लगातार तेज होती जा रही है। चुनावी लड़ाई में नेता अपनी मर्यादा को भी ध्यान में नहीं रखते है। इसी सियासी वार पलटवार के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी इमरती देवी के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी कर दी है जिसके बाद भाजपा ने मोर्चा खोलते हुए कमलनाथ के विवादित बयान के विरोध में सोमवार को पूरे सूबे में मौन उपवास आयोजित करने का निर्णय लिया है।
दूसरी तरफ इमरती देवी ने कहा, ‘इन लोगों को मध्य प्रदेश में रहने का कोई हक नहीं। ये कहां से आए हैं… मैंने मध्य प्रदेश को देखा है। मध्य प्रदेश में सभी महिलाओं का सम्मान होता है… महिला शक्ति को घर की लक्ष्मी माना जाता है। आज उसने मध्य प्रदेश की सभी लक्ष्मियों (महिलाओं) को गाली दी है। मैं सोनिया गांधी से मांग करती हूं कि वह कमलनाथ को कांग्रेस से बाहर निकालें। मैं सोनिया गांधी जी से हाथ जोड़कर प्रार्थना करती हूं कि आप भी किसी की मां हैं। आप भी एक बेटी की मां हैं… यदि आपकी बेटी के बारे में कोई ऐसा कहेगा तो क्या आप उसे सहन करेंगी..?
इमरती देवी ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के इस अमर्यादित बयान पर आगे कहा कि यदि मेरा जन्म गरीब परिवार में हुआ तो इसमें मेरी क्या गलती है? अगर मैं दलित समुदाय से आती हूं तो उसमें मेरी क्या गलती है? यदि एक महिला के खिलाफ इस तरह के शब्द के प्रयोग होंगे तो वह आगे कैसे बढ़ेगी? वहीं भाजपा ने कमलनाथ के विवादित बयान के विरोध में मौन उपवास करने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल में, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ग्वालियर में और ज्योतिरादित्य सिंधिया इंदौर मौन उपवास करेंगे।
आपको बता दें कि पूर्व सीएम कमलनाथ रविवार को ग्वालियर जिले के डबरा दौरे पर थे। इस दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने इमरती देवी को लेकर एक अमर्यादित बयान दे डाला। उन्होंने कहा कि आप तो उसे मुझसे ज्यादा पहचानते हैं, आपको मुझे पहले ही सावधान कर देना चाहिए था। ये क्या आइटम है। इतना कहते ही कमलनाथ मुस्कुरा गए, तो जनता ने भी तालियां बजाते हुए ठहाके लगाने शुरू कर दिए। कमलनाथ ने इमरती देवी को जलेबी भी कहा था।
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