समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 19 अक्टूबर। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आजम खां, उनकी पत्नी और बेटे को फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में रामपुर की एक अदालत द्वारा सात साल की सजा सुनाये जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि खां के धर्म की वजह से उनके साथ अन्याय हो रहा है. सपा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किये गये एक वीडियो में अखिलेश यादव ने कन्नौज में संवाददाताओं से बातचीत में आज़म खां और उनके परिजन को सजा सुनाये जाने के सवाल पर कहा, ‘मुझे तो यह लगता है कि कहीं धर्म के कारण उनके (आजम) साथ इतना अन्याय न हो रहा हो. सबको यकीन है और सब जानते हैं कि उन पर इसीलिये अन्याय हो रहा है कि उनका धर्म दूसरा है.’
अखिलेश यादव ने कहा, ‘आजम खां साहब पर लगातार इसी तरह का हमला हो रहा है और बड़ी साजिश की वजह से उनके साथ इस तरह का व्यवहार हो रहा है. भाजपा के नेता और कुछ बाहर से लाये गये अधिकारी उनके खिलाफ पहले ही दिन से साजिश करते रहे हैं.
अखिलेश यादव ने कहा कि हो सकता है कि मैं गलत कहूं, हो सकता है कि लोग मुझ पर टिप्पणी करें लेकिन यह भी हो सकता है कि उन्होंने यूनिवर्सिटी (मौलाना मुहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय, रामपुर) बना दी, इसीलिये उन्हें यह सजा मिल रही है.’ अखिलेश यादव ने भाजपा पर तंज करते हुए कहा, ‘आप काम मत करिये, भाजपा की तरह, बस नफरत फैलाइये. जहां आपको जाति की नफरत मिल जाए, वहां फैलाइये, जहां धर्म की नफरत हो, वहां फैलाइये.’
पूर्व मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में भी कहा, ‘आज़म खान जी और उनके परिवार को निशाना बनाकर समाज के एक पूरे हिस्से को डराने का जो खेल खेला जा रहा है, जनता वो देख भी रही है और समझ भी रही है. कुछ स्वार्थी लोग नहीं चाहते हैं कि शिक्षा-तालीम को बढ़ावा देने वाले लोग समाज में सक्रिय रहें. इस सियासी साज़िश के ख़िलाफ़ इंसाफ़ के कई दरवाज़े खुले हैं. ज़ुल्म करने वाले याद रखें… नाइंसाफ़ी के ख़िलाफ़ एक अदालत अवाम की भी होती है.’
बता दें कि रामपुर की एमपी—एमएलए अदालत ने बुधवार को समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री आजम खां, उनकी पत्नी तज़ीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को वर्ष 2019 के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में दोषी ठहराते हुए सात साल की सजा सुनाई और 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.
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