कतार में मौत की सजा पाए नेवी के पूर्व 8 अफसरों के परिजनों से मिले विदेश मंत्री जयशंकर, दिया हर संभव मदद का भरोसा

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 30अक्टूबर। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज सोमवार को भारतीय नौसेना के उन आठ पूर्व अधिकारियों के परिवारों के सदस्यों से मुलाकात की, जिन्हें कतर की एक अदालत ने मौत की सजा (death sentence) सुनाई है. जयशंकर ने इन लोगों को आश्वस्त किया कि सरकार इस मामले को सर्वोच्च महत्व देती है और वह उनकी चिंताओं एवं दर्द को साझा करती है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार उनकी रिहाई के लिए हर संभव प्रयास करेगी.

विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, आज सुबह, कतर में हिरासत में लिए गए आठ भारतीयों के परिजनों से मुलाकात की. इस बात पर जोर दिया कि सरकार मामले को सर्वोच्च महत्व देती है. हम परिजनों की चिंताओं और दर्द को पूरी तरह से साझा करते हैं.

सरकार रिहाई सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास जारी रखेगी
विदेश मंत्री ने कहा, यह रेखांकित किया कि सरकार उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास जारी रखेगी. इस संबंध में परिजनों के साथ समन्वय किया जाएगा. निजी कंपनी अल दहरा के साथ काम करने वाले इन भारतीय नागरिकों को कथित तौर पर जासूसी के एक मामले में पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार किया गया था. न तो कतर के अधिकारियों ने और न ही भारत ने भारतीय नागरिकों के खिलाफ लगाए गए आरोपों को सार्वजनिक किया है.

विदेश मंत्रालय सभी कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहा
कतर की अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा था कि वह इस मामले को उच्च महत्व दे रहा है और सभी कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहा है. भारतीय नौसेना के आठों पूर्व अधिकारियों के खिलाफ इस साल 25 मार्च को आरोप पत्र दायर किए जाने के बाद उन पर कतर के कानून के तहत मुकदमा चलाया गया था.

कतर में भारतीयों को मृत्युदंड पर नौसेना प्रमुख ने कहा- राहत के लिए सभी प्रयास किए जा रहे
नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने आज सोमवार को पणजी में कहा कि केंद्र सरकार उन आठ पूर्व नौसैन्य कर्मियों के लिए राहत सुनिश्चित करने को लेकर हर संभव प्रयास कर रही है, जिन्हें कतर की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई है. निजी सुरक्षा कंपनी अल दहरा के साथ काम करने वाले आठ पूर्व भारतीय नौसैन्य कर्मियों को 26 अक्टूबर को मौत की सजा सुनाई गई थी. इस फैसले को भारत ने ‘बेहद हैरानी भरा’ बताया था और मामले में सभी कानूनी विकल्प तलाशने की बात कही थी.

आठ कर्मियों को जासूसी के आरोप में पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार किया गया था
इन आठ कर्मियों को कथित तौर पर जासूसी के एक मामले में पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार किया गया था. हालांकि न तो कतर के अधिकारियों ने, न ही नयी दिल्ली ने उनके खिलाफ आरोपों को सार्वजनिक किया. भारतीय नौसेना द्वारा आयोजित गोवा समुद्री सम्मेलन (जीएमसी) के मौके पर पत्रकारों से बातचीत में एडमिरल कुमार ने कहा, (केंद्र) सरकार द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है कि हमें अपने कर्मियों के लिए राहत मिले. हमने इस पर विदेश मंत्रालय के बयान को सुना है. नौसेना प्रमुख ने कहा कि उन्होंने अभी अदालत की सुनवाई संबंधी दस्तावेज नहीं देखे हैं. विदेश मंत्रालय ने कहा था कि वह इस मामले को काफी अहमियत दे रहा है और सभी कानूनी विकल्प तलाश रहा है.

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