नई दिल्ली,15 अक्टूबर।
केरल गोल्ड स्मगलिंग केस में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आरोपियों की जमानत याचिका का विरोध किया है। जमानत याचिका के खिलाफ दायर जवाब में एनआईए ने दावा किया है कि इस मामले के तार अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसकी डी-कंपनी से जुड़ रहे हैं।
आतंक-रोधी एजेंसी ने बताया कि उसके इंटेलीजेंस इनपुट से जानकारी मिली है कि इस सोने के तस्करी में मिली राशि को राष्ट्र-विरोधी और आतंकवादी गतिवधियों में इस्तेमाल किया गया था। एनआईए ने कहा कि मामले में जांच को आगे बढ़ाने के लिए 180 दिन तक सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में रखा जाना अत्यंत आवश्यक है।
बुधवार को केरल सोने की तस्करी मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कोच्चि की एक विशेष अदालत को बताया कि कुछ आरोपियों के दाऊद इब्राहिम के गिरोह से संबंध हैं और वे कई बार तंजानिया गए हैं, जहां अंडरवर्ल्ड डॉन का व्यापक नेटवर्क है।
कोर्ट में आरोपियों ने तस्करी मामले में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधानों को चुनौती दी थी, जिसमें तर्क दिया गया था कि तस्करी आर्थिक अपराध के तहत आती है और इस मामले में कोई आतंकी एंगल नहीं है। एनआईए ने यह कहते हुए इसका काउंटर किया कि इस मामले के कुछ आरोपियों के देश विरोधी ताकतों से संबंध हैं।
कोर्ट में एनआईए ने विस्तार से कहा कि इस मामले में आरोपी नंबर 5 केटी रमीज और आरोपी नंबर 13 एम शराफुद्दीन ने तंजानिया का कई बार दौरा किया है और दाऊद के संपर्क वाले फिरोज ‘ओएसिस’ से मुलाकात की और देश में आग्नेयास्त्रों की तस्करी के तरीकों पर चर्चा की। इससे पहले रमीज कोझिकोड हवाई अड्डे पर तस्करी के रिवाल्वर के साथ पकड़ा गया था। लेकिन बाद में उसने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया था कि वह शूटिंग एसोसिएशन का सदस्य था और उसने जुर्माना लगाया।
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