कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ अत्याचार का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा

समग्र समाचार सेवा
कोलकाता, 23 अगस्त। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ अत्याचार के मामले ने तूल पकड़ लिया है और अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार और प्रशासन को जमकर फटकार लगाई है।

इस मामले में ममता बनर्जी की सरकार की पैरवी मशहूर वकील कपिल सिब्बल कर रहे हैं। इस पर कांग्रेस और बीजेपी ने ममता सरकार को घेरते हुए सवाल खड़े किए हैं।

अधीर रंजन चौधरी की कपिल सिब्बल से अपील

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस घटना को लेकर ममता सरकार पर लगातार निशाना साधा है। उन्होंने कपिल सिब्बल से अपील की है कि वे इस मामले में बंगाल सरकार की ओर से केस न लड़ें और इस केस से अपना नाम पीछे ले लें।

अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “कपिल सिब्बल एक बड़े वकील हैं और उनका नाम इस केस से हट जाना चाहिए। वे बंगाल की आम जनता के गुस्से को देखते हुए पीछे हट जाएं।”

कपिल सिब्बल की आलोचना

चौधरी ने कहा, “कपिल सिब्बल एक प्रसिद्ध वकील हैं और कानून जगत में उनका बड़ा नाम है। मैं उनसे अनुरोध करूंगा कि वे केस से खुद को अलग कर लें। बंगाल में इस घटना के बाद जो आक्रोश है, उसे देखते हुए यह आवश्यक है कि वे अपराधियों की तरफदारी न करें।”

उन्होंने यह भी कहा कि ममता बनर्जी ने डॉक्टर की मौत के बाद उनके परिवार से मिलकर उन्हें 10 लाख रुपये देने का वादा किया था। इसी संदर्भ में चौधरी ने सिब्बल को भी सलाह दी कि वे इस केस से बाहर हो जाएं।

सोशल मीडिया पर कपिल सिब्बल की आलोचना

कपिल सिब्बल की ममता सरकार की कोर्ट में पैरवी को लेकर सोशल मीडिया पर उन्हें काफी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। चौधरी ने इस बारे में भी बात की और कहा कि सिब्बल की सोशल मीडिया पर हो रही आलोचना को देखकर उन्हें दुख होता है।

उन्होंने कहा, “आप कभी हमारे पार्टी के नेता थे और बड़े मंत्री रहे हैं। इस सब को देखते हुए आपको इस केस से खुद को वापस लेना चाहिए।”

कपिल सिब्बल को लेकर कांग्रेस और बीजेपी की तीखी टिप्पणियों के बीच यह देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में आगे क्या निर्णय लेता है।

 

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