समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 12 दिसंबर।
लोकसभा में डिजास्टर मैनेजमेंट अमेंडमेंट बिल 2024 पर चर्चा के दौरान बुधवार को टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच तीखी बहस हो गई। यह विवाद तब शुरू हुआ जब बनर्जी ने कोविड-19 महामारी के दौरान केंद्र सरकार की नीतियों और कार्यों पर सवाल उठाए, जिसके बाद दोनों नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप और व्यक्तिगत टिप्पणियों ने माहौल को गर्मा दिया।
चर्चा के दौरान टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, “कोविड के समय राज्य सरकारों ने बहुत प्रयास किए, लेकिन केंद्र ने राज्य सरकारों को कोई मदद नहीं दी। महामारी के दौरान जो भी काम हुआ, उसका श्रेय केंद्र ने अकेले ले लिया।” उन्होंने केंद्र पर राज्य सरकारों की अनदेखी और केवल प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ पर जोर देने का आरोप लगाया।
बनर्जी के इन आरोपों पर केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने जवाब देने की कोशिश की, लेकिन बनर्जी ने अपनी बात जारी रखी। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने महामारी प्रबंधन में राज्य सरकारों को पर्याप्त सहायता प्रदान नहीं की।
बनर्जी के आरोपों का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, “यह सदन है, यहां झूठ बोलकर उसे सच बनाने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए। भारत ने कोविड महामारी के दौरान 200 करोड़ से अधिक वैक्सीन इंजेक्शन लगाए, और यह तथ्य पूरी दुनिया जानती है। हमने कोविड के खिलाफ लड़ाई में न केवल देश को सुरक्षित किया, बल्कि विश्व को भी मदद दी।”
उन्होंने बनर्जी पर झूठे बयान देने का आरोप लगाते हुए कहा कि टीएमसी सांसद का उद्देश्य केवल विवाद खड़ा करना है। सिंधिया ने कहा, “हम आपके विचारों का सम्मान करते हैं, लेकिन जब आप गलत जानकारी फैलाते हैं, तो हम चुप नहीं बैठ सकते।”
बहस के दौरान, बनर्जी ने सिंधिया पर व्यक्तिगत टिप्पणी करते हुए कहा, “आप बहुत सुंदर दिखते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप केवल सुंदर हैं, आप एक विलेन भी हो सकते हैं।” उन्होंने यह भी कहा, “आप महाराजा के परिवार से आते हैं, तो क्या आप सबको छोटा समझते हैं?”
इस पर सिंधिया भड़क गए और उन्होंने तीखे शब्दों में जवाब दिया। उन्होंने कहा, “मेरे परिवार पर व्यक्तिगत हमला करना अस्वीकार्य है। मेरा नाम ज्योतिरादित्य सिंधिया है, और जो मैं हूं, वह जनता के आशीर्वाद और मेहनत से हूं। यदि कोई मेरे परिवार पर टिप्पणी करेगा, तो मैं इसे कभी बर्दाश्त नहीं करूंगा।”
इस गरमागरम बहस के दौरान लोकसभा के स्पीकर ए. राजा को हस्तक्षेप करना पड़ा। उन्होंने दोनों नेताओं से व्यक्तिगत टिप्पणियों से बचने और सदन की गरिमा बनाए रखने की अपील की। स्पीकर ने कहा कि डिजास्टर मैनेजमेंट अमेंडमेंट बिल पर चर्चा करना ज्यादा जरूरी है, न कि व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप करना।
स्पीकर के हस्तक्षेप के बाद स्थिति शांत हुई, लेकिन सदन का माहौल गरम बना रहा। इस पूरी बहस ने एक बार फिर संसद में नेताओं के बीच गरमागरम बहस और व्यक्तिगत हमलों को लेकर चर्चा को जन्म दे दिया है।
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