तेज प्रताप यादव का भावुक संदेश: ‘मम्मी-पापा मेरी पूरी दुनिया हैं’, पार्टी से निष्कासन के बाद छलका दर्द
समग्र समाचार सेवा,
पटना, 1 जून: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव एक बार फिर सुर्खियों में हैं। पार्टी और परिवार से छह साल के लिए निष्कासित किए जाने के बाद तेज प्रताप ने सोशल मीडिया पर एक गहन भावुक पोस्ट साझा की, जिसमें उन्होंने अपने माता-पिता लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के प्रति गहरा प्रेम और सम्मान जताया है।
तेज प्रताप ने लिखा,
“मेरे प्यारे मम्मी-पापा… मेरी सारी दुनिया बस आप दोनों में ही समाई है।”
यह पोस्ट न केवल उनके भीतर के दर्द को दर्शाती है, बल्कि पार्टी के अंदर साज़िशों और गुटबाज़ी की ओर भी इशारा करती है।
क्या है पूरा विवाद?
24 मई को तेज प्रताप यादव के फेसबुक अकाउंट से एक पोस्ट वायरल हुई थी, जिसमें उन्होंने खुद को अनुष्का यादव नाम की महिला के साथ 12 साल पुराने रिश्ते में बताया। पोस्ट में दोनों की एक तस्वीर भी साझा की गई थी। हालांकि कुछ ही घंटों में यह पोस्ट डिलीट कर दी गई और तेज प्रताप ने सफाई दी कि उनका अकाउंट हैक कर लिया गया था।
उन्होंने यह भी दावा किया कि यह सब एक साज़िश का हिस्सा है और पार्टी के भीतर कुछ लोग— जिनका उन्होंने ‘जयचंद जैसे लालची लोग’ कहकर ज़िक्र किया— उन्हें राजनीति से बाहर करने की कोशिश कर रहे हैं।
लालू यादव का कड़ा कदम
इस पूरे प्रकरण से नाराज़ होकर RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने तेज प्रताप को पार्टी और परिवार से छह वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया। पार्टी सूत्रों का कहना है कि लालू यादव को यह पोस्ट पारिवारिक प्रतिष्ठा के खिलाफ लगी और उन्होंने इसे गंभीरता से लिया।
तेज प्रताप के निष्कासन की खबर सामने आते ही बिहार की राजनीति में उथल-पुथल मच गई। पार्टी के भीतर भी मतभेद सामने आए— कुछ नेता तेज प्रताप के समर्थन में, तो कुछ पार्टी नेतृत्व के निर्णय के पक्ष में नज़र आए।
तेज प्रताप का मर्मभेदी संदेश
तेज प्रताप ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक आवेगपूर्ण पोस्ट में लिखा:
“भगवान से बढ़कर हैं आप और आपका कोई भी आदेश। आप हैं तो सबकुछ है मेरे पास। मुझे सिर्फ आपका विश्वास और प्यार चाहिए ना कि कुछ और। पापा आप नहीं होते तो ना पार्टी होती ना ये जयचंद जैसे लोग।”
उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें कोई पद या सम्मान नहीं चाहिए, केवल अपने माता-पिता का स्नेह और भरोसा चाहिए।
यह संदेश साफ दर्शाता है कि तेज प्रताप पार्टी से निष्कासित होने के बावजूद अपने माता-पिता को ही अपनी दुनिया मानते हैं और उनकी नाराज़गी से भीतर तक टूटे हुए हैं।
पार्टी में अंदरूनी कलह के संकेत
तेज प्रताप के आरोपों और उनके द्वारा प्रयुक्त “जयचंद” जैसे शब्दों से स्पष्ट है कि RJD के भीतर गंभीर अंदरूनी खींचतान और गुटबाजी चल रही है। उन्होंने भले ही किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन यह संकेत दे दिया कि उन्हें पार्टी से अलग करने की योजना पहले से ही तैयार थी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना न केवल RJD की आंतरिक स्थिति को उजागर करती है, बल्कि यह आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में एक नए मोड़ का संकेत भी हो सकती है।
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