देश भगत यूनिवर्सिटी और नीडोनॉमिक्स फाउंडेशन साझेदारी
– दक्षिण एशियाई अध्ययन केंद्र को मिलेगा वैश्विक आयाम
समग्र समाचार सेवा
मंडी गोबिंदगढ़, 8 अगस्त:भारतीय नैतिक विचारधारा को समकालीन अकादमिक विमर्श में समाहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, देश भगत यूनिवर्सिटी के ‘सेंटर फॉर साउथ एशियन स्टडीज़’ ने प्रो. एम.एम. गोयल की नीडोनॉमिक्स फाउंडेशन के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। इस साझेदारी का उद्देश्य मूल्य-आधारित शोध, नैतिक सुशासन और सतत विकास को “नीडोनॉमिक्स” के दृष्टिकोण से आगे बढ़ाना है—जो कि प्रो. एम.एम. गोयल द्वारा अंधाधुंध “ग्रीडोनॉमिक्स” (लोभ-आधारित अर्थव्यवस्था) के विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया गया एक आर्थिक प्रतिमान है।
देश भगत यूनिवर्सिटी के प्रो वाइस-चांसलर प्रो. अमरजीत सिंह ने इस MoU पर हस्ताक्षर करते हुए कहा कि यह एक रणनीतिक कदम है, जो दक्षिण एशियाई अध्ययन केंद्र को समृद्ध और वैश्विक बनाने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि यह साझेदारी अंतर्विषयक प्रयासों को मजबूत करेगी और केंद्र के दायरे को और विस्तृत बनाएगी।
चांसलर डॉ. जोरा सिंह ने इस MoU को सामाजिक-आर्थिक ढाँचों की पुनर्कल्पना और सेंटर फॉर साउथ एशियन स्टडीज़ को वैश्विक अकादमिक मानचित्र पर स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया।
प्रो. एम.एम. गोयल ने विश्वास जताया कि नीडोनॉमिक्स के साथ यह सहयोग, केंद्र को देश भगत यूनिवर्सिटी की “यूनिक सेलिंग प्रपोज़िशन” (USP) में बदल देगा, जो आज की दुनिया में आवश्यक एक जागरूक और नैतिक आर्थिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देगा।
नीडोनॉमिक्स को शोध, अकादमिक आयोजनों और पाठ्यक्रम विकास में शामिल करते हुए, संयुक्त पहल में विद्वतापूर्ण संवाद, सहयोगी शोध और ऐसे शैक्षिक कार्यक्रम शामिल होंगे जो नैतिक और आवश्यकता-आधारित जीवनशैली पर जोर देंगे।
इस पहल की समन्वयक डॉ. रेनू शर्मा ने इसे नैतिक अर्थशास्त्र, अकादमिक गहराई और समकालीन चुनौतियों के व्यावहारिक समाधानों का अद्वितीय संगम बताया।
इस अवसर पर प्रो-चांसलर डॉ. तजिंदर कौर, वाइस-चांसलर प्रो. हर्ष सदावर्ती, कैप्टन नरेंद्र सिंह (आईएएस, सेवानिवृत्त) और श्री भूपिंदर सिंह उपस्थित रहे।
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