फारूक अब्दुल्ला ने की वंदे भारत ट्रेन की सवारी, बताया कश्मीर के लिए ‘नई शुरुआत’
समग्र समाचार सेवा,
श्रीनगर/कटरा, 10 जून: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने हाल ही में श्रीनगर के नौगाम रेलवे स्टेशन से माता वैष्णो देवी कटरा तक वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में सफर किया। यात्रा के दौरान उन्होंने इस नई रेल सेवा की खुलकर तारीफ की और इसे कश्मीर के लोगों के लिए “आर्थिक, सामाजिक और भावनात्मक रूप से एक नई शुरुआत” बताया।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “कई दशकों के इंतजार के बाद आज वह दिन आया है जब कश्मीर के लोग भी देश के बाकी हिस्सों से रेल मार्ग के जरिए सीधे जुड़ पाए हैं। मेरी आंखों में आंसू आ गए जब हम चेनाब ब्रिज को पार कर रहे थे। यह सिर्फ एक पुल नहीं, कश्मीरियों की उम्मीदों और सपनों का पुल है।”
पर्यटन और व्यापार को मिलेगा बढ़ावा
उन्होंने इस वंदे भारत सेवा को कश्मीर के पर्यटन उद्योग के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया। उनके अनुसार, “यह ट्रेन सिर्फ लोगों को नहीं जोड़ती, यह कश्मीर के सेब, अखरोट और अन्य बागवानी उत्पादों को देश के कोनों तक जल्दी और सुरक्षित पहुंचाने का भी माध्यम बनेगी।”
सड़क मार्ग के बंद रहने और हवाई यात्रा की महंगाई को देखते हुए अब्दुल्ला ने वंदे भारत को “भरोसेमंद और सुलभ विकल्प” बताया। उनका मानना है कि इससे स्थानीय व्यापार, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच भी आसान होगी।
प्रधानमंत्री ने 6 जून को दिखाई थी हरी झंडी
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 जून को इस वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी। यह पहली बार है जब कश्मीर को वंदे भारत ट्रेन से जोड़ा गया है। इस ट्रेन को खासतौर पर कश्मीर के मौसम को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया गया है, जिससे इसमें गर्मियों और सर्दियों दोनों में आरामदायक यात्रा संभव हो सकेगी।
ट्रेन के संचालन से श्रीनगर और कटरा के बीच यात्रा का समय अब महज 3 घंटे रह गया है, जिससे यात्रियों को काफी सुविधा होगी।
इंजीनियरों और मजदूरों को दी श्रद्धांजलि
फारूक अब्दुल्ला ने पुल निर्माण में लगे इंजीनियरों और मजदूरों को श्रद्धांजलि दी और कहा, “इस पुल ने असंभव को संभव कर दिखाया है। यह पुल न केवल तकनीकी उत्कृष्टता का प्रतीक है, बल्कि यह इस बात की मिसाल है कि अगर राजनीतिक इच्छाशक्ति हो, तो कोई भी क्षेत्र विकास से अछूता नहीं रह सकता।”
फारूक अब्दुल्ला की यह यात्रा कश्मीर में बदलते बुनियादी ढांचे और राष्ट्रीय मुख्यधारा से बढ़ते जुड़ाव का प्रतीक मानी जा रही है। वंदे भारत ट्रेन सेवा अब सिर्फ एक रेल नहीं, बल्कि उम्मीदों, विकास और समावेशन की नई रफ्तार बन गई है।
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