भाजपा सांसद बैजयंत पांडा के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने अल्जीरिया में पाकिस्तान को आतंकवाद पर घेरा
समग्र समाचार सेवा,
अल्जीयर्स, 1 जून: भाजपा सांसद बैजयंत जय पांडा के नेतृत्व में एक सर्वदलीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल इन दिनों अल्जीरिया के दौरे पर है, जहां उन्होंने पाकिस्तान को आतंकवाद के समर्थन और परमाणु शक्ति के दुरुपयोग को लेकर जमकर आड़े हाथों लिया। शनिवार को अल्जीरियाई मीडिया को संबोधित करते हुए पांडा ने कहा कि “पाकिस्तान अपनी परमाणु शक्ति का इस्तेमाल आतंकियों को बचाने में कर रहा है, जो वैश्विक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है।”
ओसामा बिन लादेन का दिया उदाहरण
अल्जीरिया के थिंक टैंक, मीडिया और भारतीय समुदाय के साथ बातचीत में पांडा ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को खुला समर्थन दे रहा है। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान ने पहले भी आतंकियों को पनाह दी है। ओसामा बिन लादेन इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। वे वर्षों तक झूठ बोलते रहे, जब तक अमेरिका ने हस्तक्षेप नहीं किया। आज पाकिस्तान में 52 से भी अधिक ‘ओसामा’ खुलेआम घूम रहे हैं, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने प्रतिबंधित किया है।”
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर भी कड़ा हमला
प्रतिनिधिमंडल में शामिल भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने पाकिस्तान की बिगड़ती आर्थिक स्थिति की ओर इशारा करते हुए कहा, “पाकिस्तान अपने बजट का 20-25% हिस्सा रक्षा क्षेत्र में झोंक रहा है, जबकि उसकी 80% अर्थव्यवस्था कर्ज पर टिकी है। वह अगला सोमालिया या सूडान बन सकता है।”
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि “1972 में भारत ने पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों को लौटाया था, लेकिन हमारे 54 सैनिक आज भी पाकिस्तान की जेलों में हैं।”
रेखा शर्मा और अन्य सांसदों का बयान
सांसद रेखा शर्मा ने कहा, “यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने लड़ाई शुरू की और हमनें उसे अपनी शर्तों पर खत्म किया।”
इस प्रतिनिधिमंडल में भाजपा, कांग्रेस, AIMIM, आजाद दल और अन्य दलों के सांसद शामिल हैं, जिनमें बैजयंत पांडा, निशिकांत दुबे, रेखा शर्मा, एस. फांगनोन कोन्यांक, असदुद्दीन ओवैसी, सतनाम सिंह संधू, गुलाम नबी आजाद और पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रंग्ला शामिल हैं।
भारत की रणनीति: वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान को बेनकाब करना
यह प्रतिनिधिमंडल न केवल अल्जीरिया, बल्कि दुनिया के कई देशों में जाकर पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद को उजागर कर रहा है। भारत की यह रणनीति है कि वैश्विक समुदाय को यह स्पष्ट संदेश दिया जाए कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ नहीं, बल्कि उसके साथ है।
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