देश में 1.53 करोड़ आवारा कुत्ते, 70% को एक साल में लगेगा टीका; तीन मंत्रालयों ने राज्यों को जारी की एडवाइजरी
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 13 अगस्त: देश में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या और रेबीज के खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। एक हालिया सर्वे के अनुसार, भारत में 1.53 करोड़ से अधिक आवारा कुत्ते हैं। इनकी आबादी को नियंत्रित करने और जनस्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए तीन मंत्रालयों — स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय, और आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय — ने संयुक्त रूप से राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को विस्तृत एडवाइजरी जारी की है।
70% आवारा कुत्तों को एक साल में टीकाकरण का लक्ष्य
एडवाइजरी में स्पष्ट किया गया है कि आवारा और पालतू कुत्तों के कम से कम 70% को अगले 12 महीनों के भीतर रेबीज का टीका लगाया जाए। यह लक्ष्य विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों के अनुरूप है, जो कहता है कि अगर किसी क्षेत्र में 70% कुत्तों का टीकाकरण हो जाए तो रेबीज के फैलने की संभावना बेहद कम हो जाती है।
राज्यों को विस्तृत कार्ययोजना बनाने के निर्देश
तीनों मंत्रालयों ने राज्यों को निर्देश दिया है कि वे स्थानीय निकायों, नगर निगमों, पशु कल्याण संगठनों और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से टीकाकरण अभियान चलाएं। साथ ही, कुत्तों की नसबंदी (ABC Programme) को तेज करने के लिए भी कहा गया है, ताकि उनकी आबादी पर काबू पाया जा सके।
एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को पालतू कुत्तों का समय पर टीकाकरण कराने और आवारा कुत्तों को खाना खिलाते समय सावधानी बरतने के लिए प्रेरित किया जाए।
रेबीज के खतरे पर चिंता
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर साल करीब 20,000 लोग रेबीज से मौत का शिकार होते हैं। इनमें से ज्यादातर मामलों में आवारा कुत्तों के काटने से संक्रमण फैलता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह अभियान सही तरीके से लागू हुआ तो आने वाले वर्षों में रेबीज के मामलों में बड़ी कमी लाई जा सकती है।
मंत्रालयों का समन्वित प्रयास
मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया —
“यह पहली बार है जब तीन मंत्रालय मिलकर आवारा कुत्तों की समस्या और रेबीज नियंत्रण के लिए एकीकृत योजना पर काम कर रहे हैं। राज्यों से अपेक्षा है कि वे तय समयसीमा में लक्ष्य हासिल करें।”
स्थानीय निकायों की बड़ी भूमिका
आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने नगर निगमों और पंचायतों को निर्देश दिया है कि वे कुत्तों की गिनती, टीकाकरण और नसबंदी की प्रगति पर नियमित रिपोर्ट भेजें। साथ ही, कुत्ता काटने की घटनाओं और रेबीज के मामलों की निगरानी के लिए हेल्पलाइन और मोबाइल ऐप जैसी सुविधाएं भी विकसित की जाएं।
पशु कल्याण संगठनों का सहयोग
पशु अधिकार समूहों ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है, लेकिन साथ ही चेतावनी भी दी है कि अभियान में मानवता और पशु अधिकारों का संतुलन जरूरी है। उनका कहना है कि आक्रामक तरीकों की बजाय वैज्ञानिक और मानवीय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
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