समग्र समाचार सेवा
हरिद्वार, 28 जून: सावन का पवित्र महीना नजदीक आते ही कांवड़ यात्रा की तैयारियां तेज हो गई हैं। इस बार यात्रा की शुरुआत 11 जुलाई से होगी और सरकार ने इसे सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए कड़े इंतजाम किए हैं। शुक्रवार को हरिद्वार में अंतरराज्यीय समन्वय समिति की अहम बैठक में छह राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने मिलकर नई गाइडलाइन तय की।
कांवड़ की ऊंचाई पर सख्ती
बैठक में यह साफ कर दिया गया कि किसी भी कांवड़ की ऊंचाई 10 फीट से अधिक नहीं होगी। इस नियम का सख्ती से पालन कराया जाएगा और यात्रा मार्गों पर ‘क्या करें और क्या नहीं करें’ की जानकारी बड़े बोर्डों पर लगाई जाएगी, ताकि कोई भ्रम न रहे।
रियल टाइम डेटा से मजबूत होगा सुरक्षा घेरा
उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद वर्धन की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और राजस्थान के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। सभी राज्यों ने तय किया कि रियल टाइम डेटा और सूचना का आदान-प्रदान लगातार होगा ताकि किसी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई हो सके।
उत्तराखंड के डीजीपी दीपम सेठ ने कहा कि दिल्ली-हरिद्वार हाईवे-58 पर यातायात नियंत्रण, डाक कांवड़ की भीड़ और वैकल्पिक मार्गों पर खास नजर रखी जाएगी। पार्किंग और पटरी मार्गों की तैयारियों को भी अंतिम रूप दिया गया है।
ढाबों और म्यूजिक सिस्टम पर भी सख्ती
कांवड़ यात्रा के दौरान ढाबों और होटलों पर रेट लिस्ट चिपकाना अनिवार्य होगा और सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन होगा। वाहनों पर तेज आवाज वाले म्यूजिक सिस्टम पूरी तरह प्रतिबंधित रहेंगे। शराब और मांस पर बनी एसओपी का पालन हर हाल में होगा।
हरिद्वार मेला नियंत्रण कक्ष से उत्तर प्रदेश को पार्किंग की स्थिति की जानकारी समय-समय पर दी जाएगी। तीन श्रेणियों में अलग-अलग सूचना समूह बनाकर पूरे यात्रा मार्ग पर लगातार निगरानी रखी जाएगी
यात्रा होगी सुरक्षित और सौहार्दपूर्ण
मुख्य सचिव ने साफ कहा कि कांवड़ यात्रा को सुरक्षित, सुव्यवस्थित और सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न कराना सभी राज्यों की सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। इसी कड़ी में अफवाहों पर सख्ती, हुड़दंगियों पर शिकंजा और भीड़ प्रबंधन की विशेष व्यवस्था की गई है।
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