मन की बात की 114वीं कड़ी में प्रधानमंत्री का संबोधन

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,29 सितम्बर। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 114वीं मन की बात’ कड़ी के माध्यम से देशवासियों को संबोधित किया। यह एपिसोड उनके लिए भावनात्मक था क्योंकि ‘मन की बात’ ने 10 साल की यात्रा पूरी कर ली है। 3 अक्टूबर 2014 को विजयादशमी के दिन इस कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी, और इस साल 3 अक्टूबर को नवरात्रि के पहले दिन इसके 10 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने इस यात्रा को यादगार बताते हुए इसे देशवासियों के सहयोग से सफल बताया। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम ने यह साबित किया है कि देश में सकारात्मक सूचनाओं और प्रेरणादायक उदाहरणों की भूख है। ‘मन की बात’ के श्रोता ही इसके असली सूत्रधार हैं, जो निरंतर अपने अनुभव और जानकारी साझा करते रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण, स्वच्छता अभियान और नारी शक्ति के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने झांसी की महिलाओं द्वारा घुरारी नदी को पुनर्जीवित करने और मध्य प्रदेश के रयपुरा गांव में महिलाओं द्वारा तालाब निर्माण और मछली पालन की पहल की सराहना की। इसके अलावा, उत्तराखंड के झाला गाँव के युवाओं द्वारा ‘Thank You Nature’ अभियान और पुडुचेरी के समुद्र तटों पर स्वच्छता अभियान चलाने वाली रम्या जी की टीम की भी विशेष चर्चा की।

प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन की 10वीं वर्षगांठ की बात करते हुए इसे महात्मा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि बताया। उन्होंने स्वच्छता के महत्व और ‘Waste to Wealth’ की सोच को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने केरल के 74 वर्षीय सुब्रह्मण्यम जी की सराहना की, जिन्होंने 23 हजार से अधिक कुर्सियों की मरम्मत कर उन्हें फिर से उपयोग लायक बनाया।

प्रधानमंत्री ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान मिली 300 से अधिक प्राचीन भारतीय कलाकृतियों की वापसी का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि इन कलाकृतियों में चार हजार साल पुरानी टेराकोटा, पत्थर, हाथी दांत और तांबे की आकृतियाँ शामिल हैं, जो भारतीय संस्कृति और इतिहास की अनमोल धरोहर हैं।

अंत में, प्रधानमंत्री ने सभी से जल संरक्षण, स्वच्छता और सांस्कृतिक धरोहर के प्रति जागरूकता और योगदान देने का आह्वान किया। उन्होंने ‘स्वच्छ भारत मिशन’ की सफलता पर बधाई दी और इसी जोश के साथ आगे बढ़ने की अपील की।

 

Comments are closed.