12 जनवरी: “एज ऑफ एनलाइटनमेंट डे” पर देशभर में भावातीत ध्यान का सामूहिक अभ्यास आयोजित

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,14 जनवरी।
महर्षि महेश योगी द्वारा प्रणीत “एज ऑफ एनलाइटनमेंट डे” के उपलक्ष्य में 12 जनवरी को देशभर में भावातीत ध्यान (टीएम) का सामूहिक अभ्यास आयोजित किया गया। इस विशेष दिन पर सैकड़ों स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें हजारों लोगों ने भाग लिया और ध्यान के माध्यम से आत्मिक शांति और ऊर्जा का अनुभव किया।

सभी कार्यक्रम महर्षि महेश योगी संस्थान के तत्वावधान में आयोजित किए गए। इन आयोजनों का उद्देश्य था समाज में शांति, सद्भाव और सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार करना। महर्षि संस्थान के अधिकारियों ने बताया कि भावातीत ध्यान का नियमित अभ्यास न केवल व्यक्तिगत तनाव और मानसिक समस्याओं को कम करता है, बल्कि पूरे समाज में सामूहिक चेतना के स्तर को ऊंचा उठाने में सहायक होता है।

देशभर में सामूहिक आयोजन

इन कार्यक्रमों में सुबह और शाम के समय भावातीत ध्यान का सामूहिक अभ्यास किया गया। हर आयु वर्ग के लोग—बच्चों से लेकर वरिष्ठ नागरिक तक—इन आयोजनों में शामिल हुए। ध्यान सत्रों के दौरान प्रतिभागियों को प्रशिक्षित टीएम शिक्षकों द्वारा सही तकनीक का अभ्यास कराया गया।

महर्षि जी के संदेश का स्मरण

इस अवसर पर महर्षि महेश योगी जी के संदेश को भी स्मरण किया गया। उन्होंने कहा था कि “भावातीत ध्यान के माध्यम से व्यक्ति अपनी चेतना के शुद्ध स्वरूप को अनुभव करता है और यही अनुभव समाज और विश्व में शांति का मार्ग प्रशस्त करता है।”

सकारात्मक प्रभाव

सामूहिक अभ्यास का उद्देश्य न केवल व्यक्तिगत लाभ प्रदान करना था, बल्कि वैश्विक चेतना को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित करना था। अध्ययन बताते हैं कि बड़े पैमाने पर टीएम का अभ्यास क्षेत्रीय अपराध दर, तनाव और सामाजिक कलह को कम करने में मदद करता है।

सहभागियों का अनुभव

कार्यक्रम में शामिल हुए प्रतिभागियों ने ध्यान के अपने अनुभव साझा किए। कई लोगों ने बताया कि अभ्यास के बाद वे मानसिक रूप से अधिक शांत और ऊर्जा से भरपूर महसूस कर रहे थे। प्रतिभागियों ने इसे जीवन में नई दृष्टि और संतुलन लाने वाला अनुभव बताया।

भविष्य की योजनाएं

महर्षि संस्थान ने इस आयोजन की सफलता के बाद भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों को नियमित रूप से आयोजित करने की योजना बनाई है। संस्थान के अधिकारियों ने कहा कि “महर्षि जी का सपना था कि भावातीत ध्यान हर व्यक्ति के जीवन का हिस्सा बने और इसी दिशा में हमारा प्रयास जारी रहेगा।”

निष्कर्ष

“एज ऑफ एनलाइटनमेंट डे” पर आयोजित भावातीत ध्यान का सामूहिक अभ्यास समाज में शांति और चेतना के प्रसार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। इस दिन ने महर्षि महेश योगी जी की अद्भुत शिक्षाओं और उनके योगदान को एक बार फिर से जीवंत कर दिया।

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