समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 22 अगस्त: उद्योग, परोपकार और सार्वजनिक सेवा के क्षेत्र में अपनी गहरी छाप छोड़ने वाले ब्रिटेन स्थित उद्योगपति और परोपकारी स्वराज पॉल के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा शोक व्यक्त किया है।
प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि स्वराज पॉल का जीवन कार्य और उनके भारत के साथ घनिष्ठ संबंधों के प्रति अटूट समर्थन को सदैव याद किया जाएगा। मोदी ने यह भी कहा कि उन्होंने स्वराज पॉल के साथ कई बार मुलाकात की थी और उनके व्यक्तित्व से सदैव प्रेरणा मिली।
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपने आधिकारिक पोस्ट में लिखा –
“श्री स्वराज पॉल जी के निधन से अत्यंत दुःखी हूं। ब्रिटेन में उद्योग, परोपकार और जनसेवा में उनके योगदान, और भारत के साथ घनिष्ठ संबंधों के लिए उनके अटूट समर्थन को सदैव याद रखा जाएगा। उनके साथ हुई कई मुलाकातें याद आती हैं। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं। ॐ शांति।”
Deeply saddened by the passing of Shri Swaraj Paul Ji. His contributions to industry, philanthropy and public service in the UK, and his unwavering support for closer ties with India will always be remembered. I fondly recall our many interactions. Condolences to his family and… pic.twitter.com/6G7D4gDDD1
— Narendra Modi (@narendramodi) August 22, 2025
स्वराज पॉल: उद्योग और परोपकार की मिसाल
ब्रिटेन के उद्योग जगत में स्वराज पॉल को एक सम्मानित व्यक्तित्व के रूप में जाना जाता था। उन्होंने न केवल व्यापार और उद्योग को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया बल्कि शिक्षा और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय योगदान दिया।
पॉल का जीवन इस बात का उदाहरण है कि किस प्रकार एक प्रवासी भारतीय अपने मूल देश से जुड़े रहते हुए भी वैश्विक स्तर पर समाज और राष्ट्रों के बीच सेतु का कार्य कर सकता है।
भारत-ब्रिटेन संबंधों में अहम योगदान
स्वराज पॉल लंबे समय तक भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने में सेतु बने रहे। उनकी पहलों ने न केवल दोनों देशों की सरकारों बल्कि जनता के बीच भी विश्वास और सहयोग की नई मिसाल कायम की।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा व्यक्त शोक और सम्मान यह दर्शाता है कि स्वराज पॉल का जाना केवल ब्रिटेन या भारत के लिए ही नहीं, बल्कि वैश्विक भारतीय समुदाय के लिए भी एक अपूरणीय क्षति है।
स्वराज पॉल का योगदान उद्योग, परोपकार और जनसेवा की उस विरासत का हिस्सा है जिसे आने वाली पीढ़ियाँ हमेशा याद रखेंगी। प्रधानमंत्री का शोक संदेश इस बात का प्रमाण है कि उनका जीवन केवल एक उद्योगपति का नहीं, बल्कि एक जनसेवक का भी रहा जिसने भारत और ब्रिटेन दोनों देशों के बीच रिश्तों को और गहरा किया।
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