इंद्र वशिष्ठ,
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बेंगलुरु में रामेश्वरम कैफे बम विस्फोट मामले में फरार आतंकियों अब्दुल मथीन ताहा और मुसाविर हुसैन शाजिब को कोलकाता में उनके एक ठिकाने से पकड़ लिया। इन दोनों आतंकियों पर एनआईए ने दस-दस लाख रुपए का इनाम घोषित किया था।
एनआईए प्रवक्ता ने बताया कि मुसाविर हुसैन शाजिब ने ही एक मार्च को रामेश्वरम कैफे में बम रखा था। अब्दुल मथीन अहमद ताहा बम धमाके की योजना बनाने, उसे अंजाम देने और उसके बाद कानून के चंगुल से बचने का मास्टर माइंड है।
एनआईए और पश्चिम बंगाल पुलिस की संयुक्त टीम 12 अप्रैल की सुबह कोलकाता के पास फरार आतंकियों के उस ठिकाने का पता लगाने में सफल रही, जहां पर वे दोनों आतंकी झूठी पहचान के आधार छिपे हुए थे। यह पता चलने पर कि आतंकवादी फर्जी पहचान के तहत कोलकाता के पास एक लॉज/ होटल में रह रहे थे, एनआईए ने आरोपियों की सुरक्षा के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस से अनुरोध किया और पुलिस ने तुरंत प्रतिक्रिया दी, जिससे तलाशी अभियान सफल रहा और दोनों आतंकवादियों को पकड़ लिया गया।
पश्चिम बंगाल पुलिस ने कहा कि आरोपियों को एनआईए के साथ एक संयुक्त अभियान में पूर्व मेदिनीपुर जिले से गिरफ्तार किया गया है। वे अलग-अलग नामों से 3-4 दिनों से दीघा के एक होटल में ठहरे हुए थे।
एनआईए ने केंद्रीय खुफ़िया एजेंसियों के अलावा पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश,दिल्ली और केरल पुलिस के सहयोग और तालमेल के साथ इस कार्य को सफलतापूर्वक पूरा किया।
एनआईए ने 27 मार्च को इस मामले में मुजम्मिल शरीफ को सह-साजिशकर्ता के रूप में गिरफ्तार किया।
3 मार्च को मामले की जांच अपने हाथ में लेने वाली एनआईए ने पहले मुख्य आरोपी मुसाविर शाजिब हुसैन की पहचान की थी, जिसने विस्फोट को अंजाम दिया था। एक अन्य साजिशकर्ता अब्दुल मथीन ताहा की भी पहचान की थी।
दोनों अपने सह-आरोपी माज़ मुनीर अहमद के साथ पहले भी आतंकी मामलों में शामिल थे।
एनआईए ने माज़ मुनीर अहमद और मुज़म्मिल शरीफ के साथ इन दोनों आरोपियों की पहचान उन आतंकवादियों के रूप में की थी, जिन्होंने 1 मार्च 2024 को हुए विस्फोट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
एनआईए की जांच से पता चला है कि मुजम्मिल शरीफ ने पहचाने गए दोनों आरोपियों को लॉजिस्टिक सहायता प्रदान की थी। विस्फोट में कई ग्राहक और होटल स्टाफ के सदस्य घायल हो गए, जिनमें से कुछ गंभीर रूप से घायल हो गए और संपत्ति को व्यापक नुकसान हुआ।
मुसाविर हुसैन शाजिब और अब्दुल मथीन दोनों शिवमोग्गा जिले के तीर्थहल्ली के रहनेवाले हैं। ताहा एक आईटी इंजीनियर है, जबकि शाजिब पर शिवमोग्गा इस्लामिक स्टेट (आईएस) मॉड्यूल से जुड़े होने का संदेह जताया जा रहा है।
वे कर्नाटक में सबसे वांछित आतंकवादी समूहों में से एक, कुख्यात “तीर्थहल्ली मॉड्यूल” के प्रमुख व्यक्तियों के रूप में जाने जाते हैं।
शाजिब और ताहा दोनों पहले एक अन्य चरमपंथी समूह, अल हिंद आतंकी मॉड्यूल का भी हिस्सा थे, जो आईएस से भी प्रेरित था।
उनके नाम विभिन्न मामलों की जांच के दौरान सामने आया. 2020 में एक स्पेशल सब इंस्पेक्टर ए विल्सन की तमिलनाडु-केरल सीमा के करीब एक चेक पोस्ट पर ड्यूटी के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, इस हत्या में भी दोनों का नाम सामने आया था। दोनों आरोपी 2019 से फरार थे।
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