इंद्र वशिष्ठ
सीबीआई ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर समेत तीन लोगों को रिश्वतखोरी में गिरफ्तार किया है।
सीबीआई के प्रवक्ता आर सी जोशी ने बताया कि जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी के सिविल इंजीनियरिंग विभाग में तैनात प्रोफेसर मोहम्मद खालिद मोईन , ओखला स्थित मैसर्स व्योम आर्किटेक्ट कंपनी के प्रखर पवार और इस कंपनी के कर्मचारी आबिद खान को गिरफ्तार किया गया है।
सीबीआई के अनुसार आरोप है कि प्रोफेसर की बिल्डरों , आर्किटेक्ट और बिचौलियों के साथ सांठगांठ है।
प्रोफेसर मोहम्मद खालिद मोइन रिश्वत लेकर ढांचा मजबूत (स्ट्रक्चरल स्टबिलिटी) होने का सर्टिफिकेट देता है।
सीबीआई ने प्रोफेसर के खिलाफ विभिन्न निजी बिल्डरों के प्रतिनिधियों, वास्तुकारों और बिचौलियों के साथ रिश्वत लेने के इरादे से कथित तौर पर साजिश रचने का मामला दर्ज किया है।
सीबीआई ने जाल बिछाया और एक लाख रुपए रिश्वत लेते हुए प्रोफेसर को और रिश्वत देने वाले दोनों व्यक्तियों को रंगे हाथ पकड़ लिया।
सीबीआई को अभियुक्तों के ठिकानों की तलाशी में करीब तीस लाख रुपए मिले है। करीब एक करोड़ बीस लाख रुपए बैंकों में भी होने का पता चला है।
बताया जाता है कि प्रोफेसर मोहम्मद खालिद मोईन ने गुरुग्राम में चिन्टेल्स पैराडाइसो अपार्टमेंट को कथित तौर पर संरचनात्मक सुरक्षा प्रमाण पत्र दिया था। इस इमारत का एक हिस्सा हाल में गिर गया था जिससे दो महिलाओं की मौत हो गई थी, हालांकि प्रोफेसर की गिरफ्तारी इस घटना से संबंधित नहीं है।
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