वक्फ (संशोधन) विधेयक की जांच के लिए 31-सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति गठित

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 10अगस्त। वक्फ (संशोधन) विधेयक की जांच के लिए 31 सदस्यों वाली एक संयुक्त संसदीय समिति गठित की गई है, जिसमें 21 सदस्य लोकसभा से और 10 सदस्य राज्यसभा से होंगे। समिति से उम्मीद की जा रही है कि वह अगले संसद सत्र के पहले सप्ताह के अंत तक अपनी रिपोर्ट सौंप देगी।

शुक्रवार को लोकसभा ने समिति के लिए अपने 21 सदस्यों के नाम प्रस्तावित किए। संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ (संशोधन) विधेयक को दोनों सदनों की संयुक्त समिति के पास भेजने का प्रस्ताव रखा।

वक्फ (संशोधन) विधेयक गुरुवार को लोकसभा में पेश किया गया था। इस पर तीखी बहस के बाद इसे संयुक्त संसदीय समिति को भेजने का निर्णय लिया गया। सरकार ने इस विधेयक के उद्देश्य को मस्जिदों के कामकाज में हस्तक्षेप न करने वाला बताया, जबकि विपक्ष ने इसे मुसलमानों को निशाना बनाने और संविधान पर हमला करने वाला करार दिया।

रिजिजू द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव के अनुसार, राज्यसभा से अनुरोध किया गया है कि वह समिति के लिए अपने 10 सदस्यों को नामित करे और उनके नामों की जानकारी लोकसभा को दे।

समिति की रिपोर्ट अगले सत्र के पहले सप्ताह के अंतिम दिन तक लोकसभा को सौंप दी जाएगी।

लोकसभा के 21 सदस्यों में शामिल हैं: जगदंबिका पाल (भाजपा), निशिकांत दुबे (भाजपा), तेजस्वी सूर्या (भाजपा), अपराजिता सारंगी (भाजपा), संजय जयसवाल (भाजपा), दिलीप सैकिया (भाजपा), अभिजीत गंगोपाध्याय (भाजपा), डी के अरुणा (भाजपा), गौरव गोगोई (कांग्रेस), इमरान मसूद (कांग्रेस), मोहम्मद जावेद (कांग्रेस), मौलाना मोहिबुल्लाह (सपा), कल्याण बनर्जी (टीएमसी), ए राजा (डीएमके), लवु श्रीकृष्ण देवरायलू (टीडीपी), दिलेश्वर कामैत (जेडीयू), अरविंद सावंत (शिवसेना-यूबीटी), बाल्या मामा सुरेश गोपीनाथ म्हात्रे (एनसीपी-शरद पवार), नरेश म्हस्के (शिवसेना), अरुण भारती (लोक जनशक्ति पार्टी-रामविलास), असदुद्दीन ओवैसी (एआईएमआईएम)।

राज्यसभा के 10 सदस्यों के नाम समय रहते घोषित कर दिए जाएंगे। यह समिति वक्फ (संशोधन) विधेयक के प्रावधानों की जांच करने और संसद को सिफारिशें देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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