समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,9 सितम्बर। आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में वस्तु एवं सेवा कर (GST) काउंसिल की 54वीं बैठक होने जा रही है। इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है, जिनमें से सबसे प्रमुख है जीवन (लाइफ) और स्वास्थ्य (हेल्थ) बीमा पर लगने वाले GST की दरों में संभावित बदलाव। इसके साथ ही कुछ अन्य मुद्दे भी बैठक के एजेंडे में शामिल हैं, जिन पर कारोबारियों और आम जनता की नजरें टिकी हुई हैं।
जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर GST में बदलाव की संभावना
वर्तमान में जीवन और स्वास्थ्य बीमा सेवाओं पर 18% GST लगाया जाता है, जो ग्राहकों के लिए एक बड़ी राशि होती है। इस बार की बैठक में उम्मीद जताई जा रही है कि GST काउंसिल इस दर में कटौती करने पर विचार कर सकती है। इसका मुख्य उद्देश्य आम जनता को राहत प्रदान करना और बीमा उद्योग को बढ़ावा देना है, ताकि अधिक लोग स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा पॉलिसियों का लाभ उठा सकें।
COVID-19 महामारी के बाद स्वास्थ्य सेवाओं और बीमा की मांग में तेजी आई है, लेकिन उच्च GST दरें इसे महंगा बना रही हैं। अगर इस पर टैक्स दरों में कटौती होती है, तो यह लोगों को सस्ती बीमा सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।
अन्य संभावित मुद्दे
बैठक में केवल बीमा सेवाओं पर ही नहीं, बल्कि कई अन्य वस्तुओं और सेवाओं पर भी GST से जुड़े फैसले लिए जा सकते हैं। कुछ प्रमुख मुद्दे जिन पर चर्चा होने की संभावना है:
- पान मसाला और गुटखा पर GST दर: पान मसाला, गुटखा और तंबाकू उत्पादों पर लगने वाले GST की दर में बदलाव पर भी बैठक में चर्चा हो सकती है। सरकार इन उत्पादों पर टैक्स बढ़ाने का विचार कर रही है ताकि स्वास्थ्य पर इनके नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सके।
- ऑनलाइन गेमिंग और कैसीनो पर टैक्स: ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और सट्टेबाजी पर 28% GST की दर को लेकर पहले से ही चर्चा चल रही है। काउंसिल यह तय कर सकती है कि इस उद्योग पर अधिक सख्ती से नियम लागू किए जाएं।
- वस्त्र और फुटवियर पर GST राहत: छोटे व्यापारियों और कारीगरों के हित में वस्त्र और फुटवियर पर लगने वाले GST की दरों में भी कटौती की जा सकती है, जिससे इन उद्योगों को राहत मिलेगी और घरेलू बाजार को बढ़ावा मिलेगा।
राज्यों का रेवेन्यू शेयर
बैठक में राज्यों के रेवेन्यू शेयर से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की जा सकती है। कई राज्य सरकारें GST क्षतिपूर्ति की मांग कर रही हैं, जो 2022 में समाप्त हो गई थी। यह बैठक इस पर कोई फैसला ले सकती है जिससे राज्यों को राजस्व में हो रही कमी की भरपाई हो सके।
कारोबारियों की उम्मीदें
GST काउंसिल की इस बैठक से देश के कारोबारियों को भी काफी उम्मीदें हैं। कई उद्योग संगठन, विशेष रूप से MSME सेक्टर, टैक्स दरों में राहत की मांग कर रहे हैं। कारोबारियों का मानना है कि टैक्स दरों में कमी से उन्हें राहत मिलेगी और बाजार में उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी।
Comments are closed.