“600 अरब डॉलर की डील पर मुहर!” — डोनाल्ड ट्रंप और सऊदी क्राउन प्रिंस ने रचा इतिहास, दुनिया दंग

जीजी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली,14 मई ।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और दोबारा राष्ट्रपति पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहे डोनाल्ड ट्रंप और सऊदी अरब के ताक़तवर क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने सोमवार को 600 अरब डॉलर के ऐतिहासिक आर्थिक और रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह सौदा सिर्फ़ व्यापार नहीं, बल्कि भविष्य की वैश्विक शक्ति संरचना की पुनर्रचना है।

इस डील को अमेरिकी राजनीति के लिहाज़ से “ट्रंप का ट्रम्प कार्ड” माना जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले ऐसा करार करके ट्रंप ने न केवल दुनिया का ध्यान खींचा है, बल्कि यह संदेश भी दिया है — “अमेरिका फर्स्ट” का नया अध्याय शुरू हो चुका है।

“यह सिर्फ़ सौदा नहीं, बल्कि दो महाशक्तियों की साझेदारी है जो आने वाले दशक को आकार देगी,” ट्रंप ने करार के बाद गर्जना करते हुए कहा।

अमेरिका सऊदी अरब को नई पीढ़ी की मिसाइल डिफेंस टेक्नोलॉजी, AI आधारित ड्रोन सिस्टम, और साइबर वॉरफेयर उपकरण उपलब्ध कराएगा।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह डील पश्चिम एशिया में शक्ति संतुलन को पूरी तरह बदल सकती है।

सऊदी अरब अमेरिका में ऊर्जा, टेक्नोलॉजी, इन्फ्रास्ट्रक्चर और AI सेक्टर में 250 अरब डॉलर का निवेश करेगा। वहीं अमेरिकी कंपनियाँ सऊदी के विज़न 2030 को समर्थन देने के लिए 350 अरब डॉलर के प्रोजेक्ट्स में भाग लेंगी।

डील में खास बात यह रही कि यह सिर्फ़ तेल-आधारित सहयोग नहीं, बल्कि नई ऊर्जा, डेटा सुरक्षा और रक्षा तकनीक पर केंद्रित है।

सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा:

“यह करार पुराने रिश्तों की नींव पर, लेकिन भविष्य की सोच के साथ किया गया है। यह अरब जगत और पश्चिम के बीच नए युग की शुरुआत है।”

उन्होंने इसे “मिडल ईस्ट का गेमचेंजर मोमेंट” करार दिया।

इस डील ने चीन, रूस और ईरान की चिंताओं को भी गहरा दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह करार अमेरिका और सऊदी अरब के बीच नई धुरी बनाकर ईरान की रणनीतिक महत्वाकांक्षाओं पर सीधा प्रहार है।
वहीं चीन जो अब तक सऊदी निवेश का मुख्य केंद्र बनता जा रहा था, उसके लिए यह एक झटका है।

डोनाल्ड ट्रंप और बिन सलमान की ये 600 अरब डॉलर की डील सिर्फ़ आर्थिक साझेदारी नहीं, बल्कि एक सुपरपावर गठबंधन का आग़ाज़ है। यह करार वैश्विक सत्ता के समीकरणों को पलट सकता है।

क्या यह समझौता ट्रंप को वाइट हाउस तक दोबारा पहुंचाएगा? क्या मिडल ईस्ट में नई जंग की आहट है? और क्या यह सौदा दुनिया को नई शीत युद्ध की ओर ले जा रहा है?

दुनिया अब वैसी नहीं रहेगी जैसी ये कल तक थी।
यह ट्रंप और बिन सलमान का शक्ति-समझौता है — विस्फोटक, विज़नरी और वैश्विक!

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