कठुआ में भूस्खलन से 7 की मौत, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जताया शोक; गृह मंत्री अमित शाह को दी जानकारी
समग्र समाचार सेवा
जम्मू-कश्मीर, 17 अगस्त: जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में रविवार सुबह हुई तेज बारिश और भूस्खलन ने भारी तबाही मचा दी। इस घटना में कम से कम 7 लोगों की मौत हो गई, जबकि 5 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई और राहत-बचाव कार्यों के लिए सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस को तुरंत तैनात किया गया।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जताया शोक
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक जताया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा:
“कठुआ के विभिन्न क्षेत्रों में बारिश के कारण हुए भूस्खलन में लोगों की मौत से मैं अत्यंत दुखी हूं। यह एक दिल दहला देने वाली घटना है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं और मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।”
सिन्हा ने बताया कि उन्होंने घटना की पूरी जानकारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को दी है और राहत कार्यों का ब्योरा साझा किया है।
बचाव और राहत कार्य जारी
प्रशासन के मुताबिक, रविवार सुबह कठुआ जिले के दो अलग-अलग इलाकों में बादल फटने और भूस्खलन हुआ।
- कई घर और गाड़ियां मलबे में दब गईं।
- घायलों को तुरंत पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
- सेना और पुलिस की टीमें लगातार राहत व बचाव अभियान चला रही हैं।
उपराज्यपाल ने प्रशासन को निर्देश दिया है कि प्रभावित इलाकों में चिकित्सा सहायता और राहत सामग्री तुरंत उपलब्ध कराई जाए। साथ ही घायलों के इलाज में किसी भी तरह की कोताही न बरती जाए।
प्रभावित परिवारों के लिए मदद
सरकारी सूत्रों के अनुसार, मृतकों के परिवारों को जल्द ही मुआवजा प्रदान किया जाएगा और घायलों का मुफ्त इलाज सुनिश्चित किया जाएगा। स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में अस्थायी आश्रय गृह बनाए हैं ताकि जिनके घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें वहां सुरक्षित रखा जा सके।
कठुआ में क्यों बढ़ रही हैं आपदाएं?
विशेषज्ञों का मानना है कि कठुआ और जम्मू क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों से भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं में लगातार इजाफा हुआ है।
- अनियंत्रित निर्माण कार्य और वनों की कटाई
- नदियों और नालों के किनारे बस्तियों का बढ़ना
- जलवायु परिवर्तन से मौसमी असंतुलन
ये सभी कारण ऐसी आपदाओं को और भयावह बना रहे हैं।
लोगों में दहशत, प्रशासन सतर्क
घटना के बाद स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है। कई गांवों को एहतियातन खाली कराया गया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदी-नालों और भूस्खलन संभावित इलाकों के पास न जाएं।
कठुआ में रविवार को हुआ यह भूस्खलन फिर से याद दिलाता है कि प्राकृतिक आपदाओं के सामने इंसान कितना असहाय हो जाता है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्र सरकार ने राहत-बचाव कार्यों में पूरी मदद का आश्वासन दिया है, लेकिन यह भी जरूरी है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस नीतियां और पर्यावरण संरक्षण कदम उठाए जाएं।
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