समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 3जून। रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज (डीएसएससी), वेलिंगटन (तमिलनाडु) में आज 80वां स्टाफ कोर्स शुरू हुआ। इस कोर्स को भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के मिड-करियर अधिकारियों को प्रशिक्षित करने और उन्हें कुशल स्टाफ अधिकारी और भावी सैन्य नेता बनाने के साथ-साथ एकीकृत त्रि-सेवा सेवा में प्रभावी ढंग से काम करने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल से युक्त करने के लिए तैयार किया गया है। इस पाठ्यक्रम के दौरान 26 मित्र देशों के 38 अधिकारियों सहित 480 छात्र अधिकारी 45 सप्ताह से अधिक की अवधि के दौरान प्रत्येक सेवा के कामकाज के साथ-साथ सामरिक और परिचालन स्तर पर युद्ध दर्शन की गहरी समझ भी प्राप्त करेंगे।
छात्र अधिकारियों को संबोधित करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल वीरेंद्र वत्स, कमांडेंट डीएसएससी ने युद्ध की गतिशील प्रकृति और चरित्र, वीयूसीए विश्व की विशेषताओं के साथ-साथ इस बारे में भी प्रकाश डाला है कि डीएसएससी द्वारा छात्र अधिकारियों को भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए कैसे सशक्त बनाया जाएगा। उन्होंने सेना, नौसेना और वायु सेना के बीच समन्वय और एकीकरण की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए आधुनिक युद्ध में सहज सहयोग को सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक सेवा की विशिष्ट क्षमताओं को समझने के महत्व पर जोर दिया।
कमांडेंट ने छात्र अधिकारियों के लिए उभरती हुई प्रौद्योगिकियों और भारत के सैन्य और सुरक्षा परिदृश्य पर प्रभाव डालने वाले भू-राजनीतिक मुद्दों की मजबूत समझ विकसित करने की जरूरत पर भी प्रकाश डाला। यह जागरूकता अधिकारियों को उचित निर्णय लेने और सैन्य रणनीतियों में प्रभावी रूप से योगदान देने में सक्षम बनाएगी।
अपनी तरह की इस प्रथम पहल में 80वें स्टाफ कोर्स ने भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना और मित्र देशों के चुनिंदा छात्र अधिकारियों के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया पाठ्यक्रम भी शुरू किया है। यह पाठ्यक्रम युद्ध में संयुक्तता और एकीकरण के लिए एक सहयोगी और अंतर-सेवा दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के साथ-साथ उनके करियर के शुरुआती चरण में अंतर-सेवा समझ और सहयोग पर ध्यान केंद्रित करेगा। इस प्रकार यह पाठयक्रम इन अधिकारियों को थिएटर कमांड के आगामी युग में नेतृत्व करने के लिए सशक्त बनाएगा।
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