समग्र समाचार सेवा
मुंबई, 30 जून। शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) सांसद संजय राउत ने गुरुवार को कहा कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का 2019 का प्रयोग विफल और उल्टा पड़ गया था, जब उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता अजीत पवार के साथ भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार बनाने की कोशिश की थी।
पत्रकारों से बात करते हुए राउत ने कहा कि 23 नवंबर 2019 को सुबह-सुबह देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री और अजित पवार के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद लोगों ने फडणवीस को गंभीरता से नहीं लिया। दोनों की गठबंधन सरकार तीन दिन से अधिक नहीं चल सकी।
दरअसल, फडणवीस ने एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में दावा किया कि एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार 2019 में भाजपा के साथ सरकार बनाने पर सहमत हुए थे, लेकिन बाद में पीछे हट गए और ‘दोहरा खेल’ खेला। इस पर पलटवार करते हुए राउत ने कहा,
अगर शरद पवार ने कुछ किया है तो ठीक है। इसमें कुछ भी नया नहीं है। आपने प्रयोग किया और यह विफल रहा और उल्टा असर हुआ। यह मूल बात है। दोहरे खेल के बारे में भूल जाइए। उन्होंने (शरद पवार) बाद में (संयुक्त शिवसेना और कांग्रेस के साथ) सरकार बनाई, उद्धव ठाकरे सीएम बने और पवार साहब ने इसका पूरा समर्थन किया। यह एक सच्चाई है।
राज्यसभा सांसद ने दावा किया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार, जिसमें फडणवीस डिप्टी सीएम हैं, लंबे समय तक नहीं टिकेगी। राउत ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के फैसले (महाराष्ट्र में 2022 के राजनीतिक संकट और अयोग्यता याचिकाओं पर) के बाद उनकी सरकार निश्चित रूप से जाएगी।” शिंदे-फडणवीस सरकार 30 जून को अपना एक साल पूरा कर लेगी।
महाराष्ट्र में 2019 विधानसभा चुनाव के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (तब अविभाजित) ने मुख्यमंत्री पद साझा करने के मुद्दे पर अपने दीर्घकालिक सहयोगी भाजपा के साथ संबंध तोड़ लिए। बाद में, राजभवन में सुबह-सुबह एक गुपचुप समारोह में फडणवीस ने मुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन सरकार केवल 80 घंटे तक चली। बाद में ठाकरे ने महा विकास आघाड़ी सरकार (MVA) बनाने के लिए एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन किया जो 29 जून 2022 को शिवसेना में विद्रोह के बाद गिर गई।
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