बिहार में मद्य निषेध नीति में संशोधन के बाद पहली बार जहरीली शराब पीने से होने वाली मौत में दिया जायेगा मुआवजा

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली ,10जुलाई। बिहार में मद्य निषेध नीति में संशोधन के बाद पहली बार जहरीली शराब पीने से होने वाली मौत में मुआवजा दिया जायेगा। सरकार ने पूर्वी चंपारण और नालंदा जिला प्रशासन से पुष्टि के बाद 53 मृतकों के आश्रितों को सहायता राशि देने का निर्णय किया है। इसके तहत प्रत्येक मृतक के आश्रित को चार –चार लाख रुपये यानी कुल दो करोड़ 12 लाख की अनुग्रह अनुदान राशि दी जायेगी।

आठ साल पहले बने मद्य निषेध कानून में अप्रैल 2023 में संशोधन किया गया था , जिसके तहत जहरीली शराब पीने से होने वाली मौत मामले में मुआवजा का प्रावधान किया गया है।

बिहार पुलिस के प्रवक्ता और अपर पुलिस महानिदेशक जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि पूर्वी चंपारण जिले में पिछले दिनों जहरीली शराब पीने से होने वाली मौत में 42 मृतकों के निकटतम आश्रितों को एक करोड़ 64 लाख रुपये दिये जायेंगे। वहीं नालंदा जिले के सोहसराय थाना क्षेत्र में 12 लोगों की मृत्यु के मामले में 48 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।

बिहार में वर्ष 2016 से कड़ी शराब नीति लागू है जिसके तहत शराब पीते हुए पकड़े जाने पर कठोर सजा का प्रावधान है। वहीं शराब रखने, भंडारण और उसकी तस्करी को लेकर भी कड़ी सजा का प्रावधान है।

शराबबंदी कानून लागू होने के बाद राज्य में बड़ी संख्या में जहरीली शराब पीने से सारण, सिवान, पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, पूर्णिया, समस्तीपुर और अन्य जिलों में मौत के मामले सामने आये हैं।

जहरीली शराब कांड में होने वाले मौत को लेकर विपक्षी दल भाजपा ने सरकार पर काफी दबाव बनाया था। पिछले दिनों विधान मंडल की कार्यवाही भी हंगामेदार रही।

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