संसद ने जन्म और मृत्यु पंजीकरण को सरल बनाने और इसे डिजिटल बनाने वाले विधेयक को दी मंजूरी

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 8अगस्त। राज्‍यसभा से मंजूरी के बाद संसद ने सोमवार को जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) विधेयक-2023 पारित कर दिया है। लोकसभा ने इसे 1 अगस्त को ही पारित कर दिया था। विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि यह विधेयक जन्म और मृत्यु पंजीकरण को आसान बनाने के लिए लाया गया है और यह पूरी तरह से डिजिटल होगा। उन्होंने कहा कि डिजिटल डेटा से लोगों के लाभ के लिए सामाजिक योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी। नित्यानंद राय ने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश जैसे विभिन्न कार्यों के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज होगा। मंत्री ने कहा कि विधेयक के मुताबिक, जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र सात दिनों के भीतर बनवाया जा सकता है।

यह विधेयक जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 में संशोधन का प्रावधान करता है। इसमें भारत के महापंजीयक की नियुक्ति का प्रावधान है जो जन्म और मृत्यु के पंजीकरण के लिए निर्देश जारी कर सकता है। विधेयक में कहा गया है कि रजिस्ट्रार जनरल पंजीकृत जन्म और मृत्यु का एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाएगा। विधेयक में कहा गया है कि जन्म के मामलों में, निर्दिष्ट व्यक्ति माता-पिता और सूचना देने वाले का आधार नंबर भी प्रदान करेंगे। विधेयक में कहा गया है कि राष्ट्रीय डेटाबेस को अन्य डेटाबेस तैयार करने या बनाए रखने वाले दूसरे अधिकारियों को भी उपलब्ध कराया जा सकता है।

बीजू जनता दल की सुलता देव, भाजपा की सीमा द्विवेदी, वाईएसआरसीपी के सुभाष चंद्र बोस पिल्ली और विजयसाई रेड्डी और अन्नाद्रमुक के एम थंबीदुरई ने चर्चा में भाग लिया।

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