लालकिला पर हिंसा की पहले सी थी तैयारी, ट्रैक्टर रैली सें पहले ‘रैली में लाठी लेकर आना’ के लगे थे नारें

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 27 जनवरी।

राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा और लालकिले के प्राचीर से धर्मविशेष का पीला झंडा फहराने के बाद मचे बवाल की चर्चा देश ही नहीं, विदेशों में भी हो रही है. इस घटना से आज पूरा देश शर्मसार है. वहीं घटना के बाद लाल किले पर बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं।

जानकारी के मुताबिक कल हुई हिंसा में दिल्ली पुलिस के 300 जवान घयाल हुए हैं, वहीं अब तक 22 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद भारत किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने मीडिया से बात की थी, जिसका वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में राकेश टिकैत किसानों को लाठी-डंडे अपने साथ रखने की बात कह रहे हैं और झंडा फहराने की बात कर रहे हैं।

वहीं दूसरे वीडियो में किसान नेता ने आगे कहा कि प्रशासन ने किसानों को दिल्ली की ओर जाने का रास्ता बताया. वे दिल्ली गए और घर लौट आए. उनमें से कुछ अनजाने में लाल किले की ओर चले गये और बाद में पुलिस ने उन्हें वापस लौटने का निर्देश दिया. वहीं लाल किले पर धार्मिक झंडा फहराने वाले दीप सिद्धू पर भी उन्होंने अपनी बात रखी।

अपने वीडियो पर सफाई देते हुए उन्होंने न्यूज एजेन्सी ANI से बात की और कहा कि जिन लोगों ने लाल किले में हिंसा और फहराए, उन्हें अपने कामों की कीमत चुकानी पड़ेगी. पिछले दो महीने से एक समुदाय विशेष के खिलाफ साजिश चल रही है. यह सिखों का नहीं, बल्कि किसानों का आंदोलन है. उन्होंने कहा कि अशिक्षित लोग ट्रैक्टर चला रहे थे, उन्हें दिल्ली के रास्ते का पता नहीं था।

राकेश टिकैत ने कहा कि दीप सिद्धू सिख नहीं हैं, वे भाजपा के कार्यकर्ता हैं. पीएम के साथ उनकी एक तस्वीर है. यह किसानों का आंदोलन है और ऐसा ही रहेगा. कुछ लोगों को तुरंत इस जगह को छोड़ना होगा और जो लोग बैरिकेडिंग तोड़ा वे कभी भी आंदोलन का हिस्सा नहीं होंगे. वहीं अपने समर्थकों से लाठियों से लैस होने की अपील करने के वायरल वीडियो पर राकेश टिकैत ने कहा कि हमने कहा कि अपनी लाठी ले आओ. कृपया मुझे बिना छड़ी के एक भी झंडा दिखाएं तो मैं अपनी गलती स्वीकार करूंगा।

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