‘सनातन’ पर विवाद के बीच CM योगी का पहला रिएक्शन, ‘रावण-औरंगजेब जिसका कुछ न बिगाड़ सके उसे इन तुच्छ… 

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 8 सिंतबर। सनातन धर्म  पर DMK नेता उदयनिधि स्टालिन  के बयान पर मचे बवाल के बीच सीएम योगी की पहली प्रतिक्रिया आई है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने कहा है कि जिसने भी सनातन धर्म को चुनौती दी वो मिट गया. योगी ने ‘कृष्ण जन्माष्टमी’ के अवसर पर लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘भारत की सनातन परंपरा पर उंगली उठाने का प्रयास हो रहा है. विरासत को अपमानित करने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन सब भूल गए कि जो सनातन नहीं मिटा था रावण के अहंकार से, जो सनातन नहीं डिगा था कंस के हुंकार से, जो सनातन नहीं मिटा था बाबर और औरंगजेब के अत्याचार से.. वो सनातन इन तुच्छ सत्ता परजीवी जीवों से क्या मिट पाएगा. उन्हें खुद अपने कृत्यों पर लज्जित होना चाहिए.

‘मानवता को संकट में डालने का कुंठित प्रयास’
सीएम योगी ने कहा कि मानवता का धर्म..जो सनातन धर्म है उनपर उंगली उठाने का मतलब मानवता को संकट में डालने का कुंठित प्रयास है. उन्होंने कहा कि याद कीजिए की दुनिया में कौन सा ऐसा मजहब और सांप्रदाय है, जिसको संकट के समय पलक बिछाकर सनातन धर्माविलंबियों ने उनके संरक्षण का काम न किया हो. हमने कभी नहीं कहा कि हम विशिष्ट हैं. इन सबके बावजूद भी जिसकी समझ में नहीं आता है, अपनी मुर्खतावश वह अगर सूर्य की ओर थूकने का प्रयास कर रहा है तो वहां तक उसका थूक नहीं पहुंचेगा. उसके सिर पर खुद गिरेगा. इससे उसे खुद और उसकी आने वाली पीढ़ी को लज्जित होना पड़ेगा.

माफी मांगने को भी तैयार नहीं उदयनिधि
स्टालिन के बेटे ने अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगने से भी इनकार कर दिया है. उन्होंने बार-बार कहा है कि वह अपनी टिप्पणियों के लिए किसी भी कानूनी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार हैं. ऐसी खबरें हैं कि उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए तमिलनाडु के राज्यपाल से मंजूरी लेने की कोशिश की जा रही है.

उदयनिधि ने क्या कहा था?
एक दिन पहले तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (DMK) की युवा इकाई के सचिव एवं राज्य के युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को ‘समानता एवं सामाजिक न्याय’ के खिलाफ बताते हुए कहा था कि इसका उन्मूलन किया जाना चाहिए. उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया, और डेंगू वायरस एवं मच्छरों से होने वाले बुखार से करते हुए कहा कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं करना चाहिए, बल्कि इन्हें समाप्त कर देना चाहिये.

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