समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 14सितंबर। कश्मीर में आंतकवादी के हमले में शहीद हुए मेजर आशीष के परिजनों के घर माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है. मेजर की शहादत पर पानीपत समेत पूरे देश को गर्व है.मेजर आशीष के चाचा ने बताया कि बेटे की शहादत पर हमें गर्व है लेकिन इस दुख की घड़ी में आंखों के आंसू नहीं थम रहे हैं. मेजर के बहनोई सुरेश ने बताया कि 23 अक्टूबर को आशीष का जन्मदिन था और शनिवार को टीडीआई सिटी में नए घर के मुहूर्त पर उसने पहुंचना था.उन्होंने बताया कि उसके आने पर जागरण भी करवाना था. सुरेश ने बताया कि मेजर के भाई भी आर्मी में सेवा के पद पर है और पुणे में पोस्टिंग है. मेजर शहीद मेजर आशीष के पार्थिव शरीर तीन से चार बजे तक लाया पहुचेगा और उनका अंतिम संस्कार उनके गांव बिंझौल में किया जाएगा लेकिन उससे पहले उनके नव निर्माण घर टीडीआई में लेकर जाया जाएगा.
मेजर आशीष धोनक के चाचा दिलावर सिंह ने बताया, वे अपने माता-पिता का अकेला बेटा था, उनकी 3 बहनें थी. आशीष की एक 2.5 साल की बेटी भी है.वे अक्टूबर में घर आने वाले थे. बहनों ने बताया कि मुझे आशीष बड़े ही हंसमुख को अच्छे दिल के इंसान थे लेकिन उन्होंने कहा कि उनकी शहादत पर गुस्सा है क्योंकि पाकिस्तान बार-बार हम लेकर हमारे जवानों की जान लेता है. मेजर आशीष के बहनोई का पाकिस्तान पर फूटा गुस्सा है.
अनंतनाग मुठभेड़ में वीर गति को प्राप्त कर्नल मनप्रीत सिंह के ससुर जगदेव सिंह ने बताया, हमें इस बारे में कल शाम पता चला. उनके दो बच्चे हैं. अभी उनको सेना मेडल भी मिला था.बताया जा रहा है कि 4-5 बजे तक उनका शव मोहाली पहुंच जाएगा. अभी उनकी पत्नी कुछ बोलने की हालात में नहीं है.
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