समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 23सितंबर। संसद के लोकसभा और राजयसभा में नारी शक्ति वंदन विधेयक पास होने के बाद कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने बिल को लेकर एक प्रेस वार्ता की। हालाँकि, शायद पहली बार कांग्रेस ने सरकार के किसी बिल पर समर्थन दिया है, लेकिन समर्थन देने के बावजूद राहुल ने आरोप लगाया है कि यह विधेयक ”जाति जनगणना की मांग से ध्यान भटकाने की रणनीति” है। राहुल ने कहा कि विधेयक दो फुटनोट के साथ आता है कि विधेयक के कार्यान्वयन के लिए जनगणना और परिसीमन करना होगा। उन्होंने कहा कि, ”इन दोनों में वर्षों लगेंगे, सच तो यह है कि आरक्षण आज लागू हो सकता है। यह कोई जटिल मामला नहीं है, लेकिन सरकार ऐसा नहीं करना चाहती। सरकार ने इसे देश के सामने पेश कर दिया है लेकिन इसे अब से 10 साल बाद लागू किया जाएगा। कोई नहीं जानता कि यह लागू भी होगा या नहीं। यह ध्यान भटकाने वाली रणनीति है, ध्यान भटकाने वाली रणनीति है।’
कोई सांसद कोई फैसला लेते हैं, क्या वे कोई कानून बनाते हैं या कानून बनाने में हिस्सा लेते हैं? बिल्कुल नहीं। न कांग्रेस सांसद, न भाजपा सांसद, न कोई और सांसद। सांसदों को मंदिरों में मूर्ति बना दिया गया है। OBC सांसदों को (संसद में) मूर्तियों की तरह भर दिया गया है, लेकिन उनके पास कोई शक्ति नहीं है। देश चलाने में कोई योगदान नहीं है। यह एक सवाल है जो मैंने उठाया है।’
राहुल ने कहा कि, ‘प्रत्येक OBC युवा को यह समझना चाहिए कि क्या आपको इस देश को चलाने का मौका मिलना चाहिए, हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो क्या आपकी जनसंख्या 5% है? और यही वह चीज़ है जिससे भाजपा ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।’ राहुल गांधी ने प्रेस वार्ता में मांग की है कि बिल से परिसीमन का प्रावधान हटाया जाना चाहिए। हालाँकि, कांग्रेस को ये मांग सदन में रखनी थी। उन्होंने कहा कि, “क्या आप भविष्य में सरकार में OBC और महिलाओं के लिए अलग से आरक्षण का प्रावधान करने जा रहे हैं? उन्होंने यह भी दावा किया कि कानून को आज से ही लागू करना बहुत संभव है।
Anti Hindu @RahulGandhi and Congress stands exposed again!
Why Rahul Gandhi visiting so many temples if he feels #Murtis in temples are #powerless and #lifeless??
It can't be more insulting than this for hindus, however hurting hindus sentiments is not new for #ElectionHindu… pic.twitter.com/JgUi0R7XMB— P Muralidhar Rao (@PMuralidharRao) September 22, 2023
राहुल गांधी की ‘मूर्ति’ टिप्पणी हिन्दू विरोधी क्यों –
मोदी सरकार को घेरने के चक्कर में राहुल गांधी ने एक ऐसा बयान दे दिया, जो अत्यधिक हिंदू-विरोधी था। यह बात स्पष्ट करने की कोशिश करते हुए कि सांसद कानून बनाने के माध्यम से संसद में किसी भी उत्पादक कार्य में योगदान नहीं दे रहे हैं, राहुल गांधी ने उनकी तुलना मंदिर में मूर्तियों से की। उन्होंने कहा कि, ”बिल्कुल नहीं। न कांग्रेस सांसद, न बीजेपी सांसद, न कोई और सांसद। सांसदों को मंदिरों में मूर्ति बना दिया गया है। ओबीसी सांसदों को (संसद में) मूर्तियों की तरह भर दिया गया है लेकिन उनके पास कोई शक्ति नहीं है। देश चलाने में कोई योगदान नहीं है। यह एक सवाल है जो मैंने उठाया है।’
राहुल गांधी ने अनिवार्य रूप से कहा कि संसद में सांसद ‘मंदिर में मूर्तियों की तरह शक्तिहीन’ हैं। यह वही कहावत है, जिसका इस्तेमाल कई बार हिन्दू धर्म के विरोधियों द्वारा हिंदू आस्था के मूल तत्व मूर्तिपूजा को नकारने और उसका अपमान करने के लिए किया जाता है, कई बार आतंकवादी भी यही बात बोल चुके हैं। कट्टरपंथियों और वामपंथियों द्वारा अक्सर तर्क दिया जाता है कि मंदिर में मूर्तियाँ केवल पत्थर हैं और अंधविश्वास को बढ़ावा देने के अलावा उनका कोई उद्देश्य नहीं है। तर्क की यह पंक्ति सनातन धर्म और सामान्य रूप से हिंदू आस्था की वैधता को नकारने और अनुष्ठानिक हिंदू धर्म का पालन करने वालों का अपमान करने तक फैली हुई है।
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