इंद्र वशिष्ठ
दिल्ली पुलिस के मैदान गढ़ी थाने में लड्डू खाने का सिलसिला थम नहीं रहा है।
सीबीआई ने दिल्ली पुलिस के एक हवलदार को गिरफ्तार किया है।
मकान बनाना है तो पैसे दो-
सीबीआई के अनुसार दक्षिण जिले के मैदान गढ़ी थाने में तैनात हवलदार कमल कुमार को शनिवार को शिकायतकर्ता से बीस हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया।
शिकायतकर्ता अपनी बेटी के प्लॉट पर निर्माण कार्य करवा रहा था।
निर्माण कार्य में कोई रुकावट/ बाधा नहीं डालने के एवज़ में हवलदार ने रिश्वत मांगी।
शिकायतकर्ता ने सीबीआई में शिकायत कर दी। सीबीआई ने आरोपों के सत्यापन के बाद मामला दर्ज किया और हवलदार को पकड़ने के लिए जाल बिछाया।
शिकायतकर्ता से बीस हज़ार रुपये रिश्वत लेते हुए हवलदार कमल कुमार को रंगे हाथ पकड़ लिया ।
आईपीएस अफसरों की भूमिका-
मैदान गढ़ी थाने में लड्डू यानी रिश्वत खाने का सिलसिला थम नहीं रहा है।
एसएचओ राजीव कुमार के कार्य काल में
इस थाने में सीबीआई द्वारा रिश्वतखोर पुलिसकर्मियों को रंगेहाथ पकड़ने का यह दूसरा मामला है।
पहले मामले के समय ही एसएचओ राजीव कुमार की भूमिका पर सवालिया निशान लग गया था। इसके बावजूद राजीव कुमार अभी तक एसएचओ के पद पर जमा हुआ है।
इससे पुलिस मुख्यालय और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की कार्यप्रणाली और भूमिका पर भी सवालिया निशान लग जाता है।
“लड्डू” खा-खा कर थानेदार बना करोड़पति-
सीबीआई ने दो साल पहले 27 अक्टूबर 2021 को मैदान गढ़ी थाने के ही सब-इंस्पेक्टर भोजराज सिंह को 50 हजार रुपए रिश्वत /”लड्डू” लेते हुए गिरफ्तार किया था। सब- इंस्पेक्टर ने 5 किलो लड्डू (5 लाख रुपए) मांगे, कहां कि लड्डू ‘साहब’ भी खाएंगे।
अदालत में शिकायतकर्ता की जमानत की अर्जी का विरोध न करने की एवज में सब-इंस्पेक्टर भोज राज ने पांच लाख रुपए रिश्वत की मांग की।
लड्डू यानी रिश्वत-
सब-इंस्पेक्टर ने रिश्वत की रकम के लिए कोड वर्ड में लड्डू /चीनी शब्द का इस्तेमाल किया था।
सब-इंस्पेक्टर ने शिकायतकर्ता से कहा कि पांच किलो लड्डू /चीनी नहीं, तो कम से कम दो किलो लड्डू/ चीनी दो, क्योंकि उसमें ‘साहब’, समेत हम दस लोग हैं।
यहां ‘साहब’ शब्द का इस्तेमाल एसएचओ के लिए इस्तेमाल किया गया लगता है।
सीबीआई ने सब-इंस्पेक्टर भोजराज के घर से एक करोड़ सात लाख रुपए और उसकी कार से पांच लाख 47 हजार रुपए बरामद किए थे।
एसीपी की नाक के नीचे रिश्वतखोरी-
एक अन्य मामले में 24 अक्टूबर 2023 को उत्तरी जिला के डीसीपी मनोज कुमार मीना ने सब- इंस्पेक्टर विजय पाल को निलंबित और लाइन हाज़िर कर दिया। सीबीआई ने 20 अक्टूबर 2023 को एसीपी धर्मेंद्र कुमार (ऑपरेशन सेल) के दफ़्तर में तैनात सब- इंस्पेक्टर विजय पाल के ख़िलाफ़ बाप-बेटे को हथियार बनाने के मामले में फंसाने की धमकी दे कर 5 लाख रुपए मांगने का मामला दर्ज किया।
इसके पहले दिसंबर 2022 में उत्तरी जिले के सिविल लाइन थाने में तैनात सब- इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार यादव को सीबीआई ने रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। थाना परिसर में ही एसीपी का भी दफ़्तर है।
इन मामलों से पता चलता है भ्रष्ट पुलिसकर्मियों में कानून का ही नहीं वरिष्ठ अफसरों का भी जरा सा भी डर नहीं है. इसलिए तो वह एसीपी की नाक के नीचे भी बेखौफ होकर रिश्वत वसूलने का दुस्साहस कर रहे हैं।
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