समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 11दिसंबर। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव का परिणाम आए एक हफ्ते से ज्यादा समय बीच चुका है. 3 दिसंबर को आए चुनाव परिणामों में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला था. इसके बाद से लगातार राज्य के मुख्यमंत्री को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म था. हर कोई राज्य के नए मख्यमंत्री के बारे में जानना चाह रहा था. कार्यवाहक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को फिर से कमान दिए जाने की चर्चाओं ने भी जोर पकड़ा, लेकिन किसी नए चेहरे की तलाश को लेकर भी खबरें मीडिया में छाई रहीं. इस बीच प्रहलाद पटेल से लेकर, नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय कई नामों पर मीडिया में चर्चा होती रही. भाजपा ने राज्य में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में पर्यवेक्षक भेजे और आखिरकार एक ऐसे नाम पर मुहर लगी, जिनके बारे में चर्चा भी नहीं थी. भाजपा ने उज्जैन दक्षिण से चुनाव जीतकर आए मोहन यादव को मुख्यमंत्री पद की कमान सौंपी है.
साल 1965 में उज्जैन में जन्मे मोहन यादव ने पढ़ाई के दौरान ही राजनीति में कदम रख लिया थाय वह एमए, पीएचडी हैं. उनकी पत्नी का नाम सीमा यादव है और उनके दो बेटे व एक बेटी भी हैं. मुख्यमंत्री नियुक्त किए गए मोहन यादव का विवादों से पुराना नाता रहा है. चुनाव आयोग ने साल 2020 के उपचुनाव में असंयमित भाषा के उपयोग के लिए उन पर एक दिन के प्रचार का प्रतिबंध भी लगाया था.
राजनीतिक सफरनामा
मोहन यादव ने माधव विज्ञान महाविद्यालय से शिक्षा ग्रहण की. वह ABVP के उज्जैन नगर मंत्री रह चुके हैं. साल 1982 में उन्होंने छात्र संघ सह-सचिव पद का चुनाव लड़ा और विजयी रहे. वह राज्य कार्यकारि समिति के सदस्य और सिंहस्त, मध्य प्रदेश की केंद्रीय समिति के सदस्य भी रह चुके हैं. मोहन यादव MP विकास प्रादिकरण के प्रमुख, पश्चिम रेलवे बोर्ड के सलाहकार समिति के सदस्य और राज्य में शिक्षामंत्री भी रह चुके हैं.
साल 2023 में बने पहली बार विधायक
मोहन यादव साल 2013 में पहली बार उज्जैन दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से चुनकर विधानसभा पहुंचे थे. इसके बाद वह साल 2018 में भी निर्वाचित हुए. साल 2023 के विधानसभा चुनाव में वह तीसरी बार विधानसभा चुनाव जीते हैं. राज्य में कमलनाथ सरकार गिरने के बाद 2 जुलाई 2020 को मोहन यादव ने शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री (उच्च शिक्षा) के रूप में कार्यभार संभाला.
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