“आज देश के छोटे-छोटे शहरों में भी कनेक्टिविटी के शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा है”: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री ने गुजरात के नवसारी में 47,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 23फरवरी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के नवसारी में 47,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया और आधारशिला रखी। परियोजनाओं में बिजली उत्पादन, रेल, सड़क, कपड़ा, शिक्षा, जल आपूर्ति, संपर्क और शहरी विकास जैसे कई क्षेत्र शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए रेखांकित किया कि यह आज गुजरात में उनका तीसरा कार्यक्रम है और पहले दिन में गुजरात के पशुपालकों (मवेशी प्रजनकों) और डेयरी उद्योग के हितधारकों की संगति को याद किया। उन्होंने मेहसाणा के वलीनाथ महादेव मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा में हिस्सा लेने का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा, “अब, मैं यहां नवसारी में विकास के इस उत्सव में भाग ले रहा हूं।” उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित लोगों से अपने मोबाइल फोन में फ्लैशलाइट चालू करने और विकास के इस स्मारक उत्सव का हिस्सा बनने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने वस्त्र, बिजली और शहरी विकास के क्षेत्रों में वडोदरा, नवसारी, भरूच और सूरत के लिए 40,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं के लिए नागरिकों को बधाई दी।

मोदी की गारंटी को लेकर चल रही चर्चा का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने उनके द्वारा दी गई गारंटी के पूरा होने की निश्चितता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह तथ्य गुजरात के लोगों को लंबे समय से पता है। उन्होंने ‘फाइव एफ’ – फार्म, फार्म से फाइबर, फाइबर से फैक्ट्री, फैक्ट्री से फैशन, फैशन से फॉरेन को याद किया, जिसके बारे में वह अपने मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान बात करते थे। उन्होंने कहा कि इसका लक्ष्य वस्त्रों की पूर्ण आपूर्ति और मूल्य श्रृंखला बनाना है। प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र में सबसे बड़े उत्पादकों और निर्यातकों के साथ प्रतिस्पर्धा करने की भारत की क्षमता पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आज, रेशम शहर सूरत का नवसारी तक विस्तार हो रहा है।” गुजरात के वस्त्र उद्योग की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने सूरत में निर्मित वस्त्रों की विशिष्ट पहचान को का उल्लेख किया। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि पीएम मित्र पार्क के पूरा होने से पूरे क्षेत्र का चेहरा बदल जाएगा, जहां केवल इसके निर्माण में 3,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पीएम मित्र पार्क कताई, बुनाई, जिनिंग, परिधान, तकनीकी वस्त्र और कपड़ा मशीनरी जैसी गतिविधियों के लिए एक मूल्य-श्रृंखला इकोसिस्टम तैयार करेगा, साथ ही रोजगार को भी प्रोत्साहन देगा। प्रधानमंत्री ने बताया कि यह पार्क श्रमिकों के लिए घरों, लॉजिस्टिक्स पार्क, गोदाम, स्वास्थ्य सुविधाओं और प्रशिक्षण तथा कौशल विकास की सुविधाओं से सुसज्जित होगा।

प्रधानमंत्री ने 800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले तापी नदी बैराज के शिलान्यास का जिक्र करते हुए रेखांकित किया कि सूरत में जल आपूर्ति से संबंधित मुद्दों का पूरी तरह से समाधान किया जाएगा, साथ ही बाढ़ जैसी स्थितियों को रोकने में भी मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने बिजली के परमाणु उत्पादन पर विस्तार से चर्चा करते हुए काकरापार परमाणु ऊर्जा स्टेशन (केएपीएस) यूनिट 3 और यूनिट 4 में दो नए स्वदेशी दबावयुक्त भारी पानी के रिएक्टरों (पीएचडब्ल्यूआर) के बारे में बात की, जिनका आज लोकार्पण किया गया। उन्होंने कहा कि ये रिएक्टर आत्मनिर्भर भारत के उदाहरण हैं और गुजरात के विकास में मदद करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “नवसारी को अब अपने औद्योगिक विकास के लिए पहचान मिल रही है”, क्योंकि नवसारी सहित पूरा पश्चिम गुजरात अपनी कृषि प्रगति के लिए जाना जाता है। क्षेत्र में किसानों को लाभ प्रदान करने के सरकार के प्रयासों के बारे में बोलते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने फलों की खेती के उद्भव पर प्रकाश डाला और नवसारी के आम और चीकू (सैपोडिला) की विश्व प्रसिद्ध हापुस और वलसारी किस्मों का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि के अंतर्गत किसानों को 350 करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक मदद मिल चुकी है।

प्रधानमंत्री ने युवाओं, गरीबों, किसानों और महिलाओं को सशक्त बनाने की अपनी गारंटी दोहराई। उन्होंने कहा कि गारंटी सिर्फ योजनाएं बनाने से आगे बढ़कर पूर्ण कवरेज सुनिश्चित करने तक फैली हुई है।

प्रधानमंत्री ने जनजातीय और तटीय गांवों की पहले की उपेक्षा का जिक्र करते हुए कहा कि मौजूदा सरकार ने उमरगाम से लेकर अंबाजी तक के क्षेत्र में हर बुनियादी सुविधा सुनिश्चित की है। राष्ट्रीय स्तर पर भी, 100 से अधिक आकांक्षी जिले जो विकास के मापदंडों में पीछे थे, वे देश के बाकी हिस्सों के साथ आगे बढ़ रहे हैं।

जनजातीय क्षेत्रों में सिकल सेल एनीमिया की गंभीर समस्या का समाधान करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने इस बीमारी को खत्म करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर ठोस प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया। अपने मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान सिकल सेल एनीमिया से निपटने के लिए राज्य के सक्रिय उपायों को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री ने इस बीमारी से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए व्यापक राष्ट्रीय प्रयासों को भी सूचीबद्ध किया। प्रधानमंत्री मोदी ने देश भर के जनजातीय क्षेत्रों से इस बीमारी को खत्म करने के उद्देश्य से सरकार की व्यापक पहल को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमने अब सिकल सेल एनीमिया से मुक्ति दिलाने के लिए एक राष्ट्रीय मिशन शुरू किया है।” प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “इस मिशन के अंतर्गत, देश भर के जनजातीय क्षेत्रों में सिकल सेल एनीमिया की जांच की जा रही है।” उन्होंने जनजातीय इलाकों में बन रहे चिकित्सा महाविद्यालयों का भी जिक्र किया।

प्रधानमंत्री ने कह, “चाहे गरीब हो या मध्यम वर्ग, ग्रामीण हो या शहरी, हमारी सरकार का प्रयास प्रत्येक नागरिक के जीवन स्तर में सुधार करना है।” प्रधानमंत्री मोदी ने समावेशी विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करने पर बल दिया। पहले के समय की आर्थिक स्थिरता को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, “आर्थिक स्थिरता का मतलब देश के पास सीमित वित्तीय संसाधन होते थे।” प्रधानमंत्री मोदी ने उस अवधि के दौरान ग्रामीण और शहरी विकास पर प्रतिकूल प्रभाव को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि चूंकि भारतीय अर्थव्यवस्था वर्ष 2014 में 11वें स्थान से ऊपर उठकर 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है, इसका मतलब है कि आज भारत के नागरिकों के पास खर्च करने के लिए अधिक पैसा है और इसलिए भारत इसे खर्च कर रहा है। उन्होंने कहा, इसलिए, आज देश के छोटे शहरों में भी कनेक्टिविटी का शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर बन रहा है। उन्होंने छोटे शहरी केंद्रों से सुलभ हवाई यात्रा और 4 करोड़ पक्के घरों का भी जिक्र किया।

डिजिटल इंडिया पहल की सफलता और दायरे पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “आज दुनिया डिजिटल इंडिया को पहचानती है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि डिजिटल इंडिया ने नए स्टार्ट-अप के साथ-साथ खेल के क्षेत्र में युवाओं के उभरने से छोटे शहरों को ट्रांस्फॉर्म कर दिया है। उन्होंने ऐसे छोटे शहरों में नियो मिडिल क्लास के उद्भव पर बात की जो भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने के लिए प्रेरित करेगा।

प्रधानमंत्री ने विकास के साथ-साथ विरासत को प्राथमिकता देने पर सरकार के ध्यान देने को रेखांकित किया और कहा कि यह क्षेत्र भारत की आस्था और इतिहास का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है, चाहे वह स्वतंत्रता आंदोलन हो या राष्ट्र निर्माण। उन्होंने भाई-भतीजावाद, तुष्टिकरण और भ्रष्टाचार की राजनीति के कारण क्षेत्र की विरासत की उपेक्षा पर भी खेद व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके विपरीत, भारत की समृद्ध विरासत की गूंज आज पूरी दुनिया में सुनाई दे रही है। उन्होंने दांडी नमक सत्याग्रह स्थल पर दांडी स्मारक के विकास और सरदार पटेल के योगदान को समर्पित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण का उल्लेख किया।

संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले 25 वर्षों के लिए देश के विकास का रोडमैप पहले से ही तैयार है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”इन 25 सालों में हम एक विकसित गुजरात और एक विकसित भारत बनाएंगे।”

इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और सांसद सी. आर. पाटिल सहित गुजरात के कई सांसद, विधायक और गुजरात सरकार के मंत्री उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि
प्रधानमंत्री ने वडोदरा मुंबई एक्सप्रेसवे के कई पैकेजों सहित कई विकास परियोजनाओं; भरूच, नवसारी और वलसाड में कई सड़क परियोजनाएं; तापी में ग्रामीण पेयजल आपूर्ति परियोजना; भरूच में भूमिगत जल निकासी परियोजना को राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने नवसारी में पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल (पीएम मित्रा) पार्क का निर्माण कार्य भी प्रारंभ किया।

प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान, भरूच-दहेज एक्सेस नियंत्रित एक्सप्रेसवे के निर्माण सहित महत्वपूर्ण परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी। इन परियोजनाओं में एसएसजी अस्पताल, वडोदरा; वडोदरा में क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र; सूरत, वडोदरा और पंचमहल में रेलवे गेज परिवर्तन की परियोजनाएं; भरूच, नवसारी और सूरत में कई सड़क परियोजनाएं; वलसाड में कई जल आपूर्ति योजनाएं, स्कूल और छात्रावास भवन और नर्मदा जिले में अन्य परियोजनाएं शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ने सूरत नगर निगम, सूरत शहरी विकास प्राधिकरण और ड्रीम सिटी की कई विकास परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया और आधारशिला भी रखी।

प्रधानमंत्री ने काकरापार परमाणु ऊर्जा स्टेशन (केएपीएस) यूनिट 3 और यूनिट 4 में दो नए दबावयुक्त भारी पानी के रिएक्टर (पीएचडब्ल्यूआर) राष्ट्र को समर्पित किए। न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) द्वारा निर्मित, 22,500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली केएपीएस-3 और केएपीएस-4 परियोजनाओं की संचयी क्षमता 1400 (700 गुणा 2) मेगावाट है और ये सबसे बड़े स्वदेशी पीएचडब्ल्यूआर हैं। वे अपनी तरह के पहले रिएक्टर हैं और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ रिएक्टरों की तुलना में उन्नत सुरक्षा सुविधाओं से युक्त हैं। साथ में, ये दोनों रिएक्टर प्रति वर्ष लगभग 10.4 बिलियन यूनिट स्वच्छ बिजली का उत्पादन करेंगे और गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा और केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली और दमण और दीव जैसे कई राज्यों के उपभोक्ताओं को लाभान्वित करेंगे।

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