समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 09जुलाई। 28 जून, 2024 को स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता (एसई एवं एल) विभाग के सचिव संजय कुमार ने स्कूलों में बैगलेस डेज़ के लिए शिक्षा मंत्रालय के तहत एनसीईआरटी की एक इकाई पंडित सुंदरलाल शर्मा केंद्रीय व्यावसायिक शिक्षा संस्थान (पीएसएससीआईवीई) द्वारा तैयार किए गए दिशा-निर्देशों की समीक्षा की। इस बैठक में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी), केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई), नवोदय विद्यालय समिति (एनवीएस) और केन्द्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) के प्रतिभागियों ने भाग लिया। छात्रों को स्थानीय पारिस्थितिकी के बारे में जागरूक करने, उन्हें पानी की शुद्धता की जांच करना सिखाने, स्थानीय वनस्पतियों और जीवों को पहचानने और स्थानीय स्मारकों का दौरा करने सहित विभिन्न सुझावों पर चर्चा की गई। इस समीक्षा के आधार पर, पीएसएससीआईवीई अपने दिशा-निर्देशों को और बेहतर बनाएगा तथा इन्हें अंतिम रूप देगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के पैराग्राफ 4.26 के अनुसार, यह अनुशंसा की जाती है कि कक्षा 6-8 के सभी छात्र दस-दिवसीय बैगलेस कार्यक्रम में भाग लें। इस दौरान, छात्र स्थानीय कौशल विशेषज्ञों के साथ इंटर्नशिप करेंगे और पारंपरिक स्कूल व्यवस्था से बाहर की गतिविधियों में भाग लेंगे। इस पहल का उद्देश्य छात्रों में उस व्यापक इको-सिस्टम के प्रति सराहना की भावना विकसित करने में मदद करना है जिससे उनका स्कूल जुड़ा है।
इन सिफारिशों के आधार पर, पीएसएससीआईवीई ने बैगलेस डेज़ को लागू करने के लिए व्यापक दिशा-निर्देश तैयार किए हैं। ये दिशा-निर्देश स्कूलों में छात्रों के लिए सीखने की प्रक्रिया को अधिक आनंददायक, प्रयोगात्मक और तनाव-मुक्त बनाने के उद्देश्य से डिज़ाइन किए गए हैं।
बैगलेस डेज़ को पूरे वर्ष प्रोत्साहित किया जाएगा, जिसमें कला, क्विज़, खेल और कौशल-आधारित शिक्षा जैसी विभिन्न गतिविधियां शामिल होंगी। छात्रों को कक्षा के बाहर की गतिविधियों से समय-समय पर अवगत कराया जाएगा, जिसमें ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और पर्यटन स्थलों की यात्रा, स्थानीय कलाकारों और शिल्पकारों के साथ बातचीत और स्थानीय कौशल आवश्यकताओं के अनुसार उनके गांव, तहसील, जिले या राज्य के भीतर विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों का दौरा शामिल है।
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