लैंड फॉर जॉब स्कैम: अब तेजप्रताप यादव भी जांच के दायरे में

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,18 सितम्बर। लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के खिलाफ चल रहे चर्चित “लैंड फॉर जॉब” स्कैम की जांच में एक नया मोड़ आया है। पहले ही इस मामले में लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ चुकी हैं, और अब उनके बड़े बेटे तेजप्रताप यादव का नाम भी जांच के दायरे में आ रहा है। हाल ही में, दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में तेजप्रताप यादव को भी शामिल करते हुए उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम?

लैंड फॉर जॉब स्कैम एक ऐसा घोटाला है, जिसमें आरोप है कि लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते हुए भारतीय रेलवे में नौकरियाँ देने के बदले जमीनें ली गईं। यह मामला 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू प्रसाद यादव केंद्र में रेल मंत्री थे। आरोप है कि रेलवे की नौकरियों के बदले उम्मीदवारों से जमीनों की खरीद की गई, जो बाद में उनके परिवार के सदस्यों या सहयोगियों के नाम कर दी गई। इन जमीनों को बाजार मूल्य से बहुत कम कीमत पर खरीदा गया, जिससे यादव परिवार को बड़े पैमाने पर फायदा हुआ।

लालू और तेजस्वी पर पहले से आरोप

लालू प्रसाद यादव और उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव पहले ही इस घोटाले में सीबीआई और ईडी की जांच के घेरे में हैं। दोनों पर घोटाले के दौरान लाभ उठाने और भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप है। सीबीआई ने उनके खिलाफ कई बार पूछताछ की है, और मामला अब अदालत में है।

तेजप्रताप यादव की बढ़ती मुश्किलें

अब तेजप्रताप यादव भी इस घोटाले में घिरते दिख रहे हैं। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने हाल ही में तेजप्रताप यादव के खिलाफ नोटिस जारी किया है, जिससे साफ संकेत मिलता है कि जांच एजेंसियों की नज़र अब उन पर भी है। आरोप है कि उनके नाम पर भी इस स्कैम के तहत कुछ जमीनों का हस्तांतरण किया गया है, जिसकी जांच की जा रही है। तेजप्रताप यादव, जो पहले भी कई बार विवादों में रहे हैं, अब इस नए मामले के चलते कानूनी संकट में घिर सकते हैं।

राजनीतिक और कानूनी प्रभाव

लैंड फॉर जॉब स्कैम का मामला बिहार की राजनीति में पहले से ही गहरा असर डाल चुका है। लालू परिवार, जो राज्य की राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इस घोटाले के चलते गंभीर संकट में है। तेजस्वी यादव, जो राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख नेता माने जाते हैं, पहले ही इस मामले में कानूनी जाल में फंसे हुए हैं। अब तेजप्रताप यादव का नाम भी सामने आने से राजद की छवि और चुनावी संभावनाओं पर असर पड़ सकता है।

तेजप्रताप का बचाव

हालाँकि, तेजप्रताप यादव ने इस मामले में खुद को निर्दोष बताया है और इसे उनके परिवार को राजनीतिक रूप से बदनाम करने की साजिश बताया है। उनका कहना है कि यह भाजपा और अन्य विरोधी दलों की चाल है ताकि यादव परिवार की राजनीतिक छवि को नुकसान पहुँचाया जा सके।

निष्कर्ष

लैंड फॉर जॉब स्कैम में तेजप्रताप यादव का नाम सामने आने के बाद, मामला और भी गंभीर हो गया है। जांच एजेंसियों का ध्यान अब यादव परिवार के सभी सदस्यों पर है, और इस केस के राजनीतिक और कानूनी परिणाम राज्य और केंद्र दोनों स्तरों पर देखे जा सकते हैं। अब देखना होगा कि इस मामले में जांच एजेंसियों की अगली कार्रवाई क्या होती है और इसका बिहार की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ता है।

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