GST On Health-Term Insurance: जल्द मिल सकता है हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस पर GST से छुटकारा, GoM की बैठक में चर्चा

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,21 अक्टूबर। हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस पर लगने वाले जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) से लोगों को जल्द राहत मिल सकती है। देश में स्वास्थ्य और जीवन बीमा से जुड़े प्रीमियम पर फिलहाल 18% की दर से जीएसटी लागू होता है, जो कि कई लोगों के लिए आर्थिक बोझ बन जाता है। इस मुद्दे को ध्यान में रखते हुए, केंद्र सरकार ने इसके संभावित सुधारों पर विचार करना शुरू कर दिया है।

हाल ही में जीएसटी काउंसिल के मंत्रियों के समूह (GoM) की बैठक में हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस पर लगाए जाने वाले जीएसटी को कम या खत्म करने पर विचार-विमर्श हुआ। यदि सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी देती है, तो करोड़ों बीमा धारकों को बड़ी राहत मिल सकती है।

क्या है वर्तमान स्थिति?

वर्तमान में, हेल्थ इंश्योरेंस और टर्म इंश्योरेंस पॉलिसीधारकों को अपने प्रीमियम पर 18% जीएसटी देना पड़ता है। उदाहरण के लिए, अगर कोई व्यक्ति सालाना 20,000 रुपये का प्रीमियम भरता है, तो उसे 3,600 रुपये जीएसटी के रूप में अतिरिक्त भुगतान करना पड़ता है। इससे बीमा पॉलिसियों की कुल लागत बढ़ जाती है, और कई लोग इसके कारण हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस लेने से बचते हैं।

क्यों जरूरी है जीएसटी में कटौती?

हेल्थ इंश्योरेंस और टर्म इंश्योरेंस लोगों के लिए आवश्यक सेवाओं में गिनी जाती हैं, जो न सिर्फ उनके स्वास्थ्य और जीवन की सुरक्षा करती हैं, बल्कि आर्थिक सुरक्षा भी प्रदान करती हैं। कोरोना महामारी के बाद, हेल्थ इंश्योरेंस की महत्ता और भी बढ़ गई है। इसके बावजूद, उच्च जीएसटी दर लोगों के लिए बीमा प्रीमियम को महंगा बना रही है।

बीमा उद्योग और विशेषज्ञ लंबे समय से यह मांग कर रहे हैं कि इन आवश्यक सेवाओं पर से जीएसटी का बोझ कम किया जाए ताकि अधिक से अधिक लोग बीमा कवर खरीदने के लिए प्रोत्साहित हो सकें। इससे न केवल आम आदमी को राहत मिलेगी, बल्कि बीमा क्षेत्र में भी वृद्धि होगी।

GoM की बैठक में क्या हुआ?

मंत्रियों के समूह (GoM) की हालिया बैठक में इस मुद्दे पर गंभीरता से चर्चा की गई। बैठक में हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम पर लगने वाले 18% जीएसटी को या तो कम करने या पूरी तरह से हटाने पर विचार किया गया। यह निर्णय इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि बीमा क्षेत्र की यह मांग लंबे समय से लंबित है और इसे लागू करने से सरकार को लोगों का समर्थन भी मिल सकता है।

संभावित लाभ

यदि हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस पर जीएसटी को कम किया जाता है या हटा दिया जाता है, तो इसके कई फायदे होंगे:

  1. आर्थिक राहत: बीमा पॉलिसीधारकों के लिए प्रीमियम का बोझ कम होगा, जिससे अधिक लोग बीमा खरीदने की ओर आकर्षित होंगे।
  2. बीमा क्षेत्र में वृद्धि: बीमा क्षेत्र को अधिक ग्राहक मिलेंगे, जिससे यह क्षेत्र तेजी से बढ़ेगा और देश की आर्थिक स्थिति में योगदान देगा।
  3. स्वास्थ्य सुरक्षा: अधिक लोग हेल्थ इंश्योरेंस लेने के लिए प्रेरित होंगे, जिससे उनकी स्वास्थ्य सुरक्षा बढ़ेगी और स्वास्थ्य सेवाओं पर उनका आर्थिक भार कम होगा।

निष्कर्ष

हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस पर जीएसटी में कटौती का यह प्रस्ताव न केवल बीमा धारकों के लिए राहत की खबर है, बल्कि पूरे बीमा क्षेत्र को भी मजबूती प्रदान कर सकता है। अगर GoM की सिफारिशें लागू होती हैं, तो इससे आम जनता को सीधा फायदा मिलेगा और अधिक लोग अपनी सुरक्षा के लिए बीमा का विकल्प चुन पाएंगे। अब सबकी नजरें इस पर हैं कि सरकार कब इस फैसले को अंतिम रूप देती है, और लोग हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस पर जीएसटी से छुटकारा पाने की उम्मीद कर रहे हैं।

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