भारतीय प्रवासी: विकसित भारत के सपने में अहम भूमिका – राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

कुमार राकेश
भुवनेश्वर,11 जनवरी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 10 जनवरी, 2025 को 18वें प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के दृष्टिकोण में भारतीय प्रवासियों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। इस सम्मेलन में प्रतिष्ठित प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार भी प्रदान किए गए।

अपने संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मू ने प्रवासी भारतीयों द्वारा तकनीक, चिकित्सा, कला और उद्यमशीलता जैसे क्षेत्रों में भारत की वैश्विक पहचान को मजबूत करने के लिए उनके योगदान की सराहना की। उन्होंने पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं की उपलब्धियों को करोड़ों भारतीयों के लिए प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि वे पूरे देश का गौरव बढ़ाते हैं।

राष्ट्रपति मुर्मू ने त्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कांगालू की भी प्रशंसा की, जो महिलाओं और भारतीय प्रवासियों की प्रगति के लिए एक प्रेरणादायक वैश्विक नेतृत्व का उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि पीबीडी सम्मेलन केवल एक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारत और इसके प्रवासियों के बीच संबंधों को मजबूत करने, सहयोग को बढ़ावा देने और विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है।

‘वसुधैव कुटुंबकम’ की भावना का आह्वान
2047 तक ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ते हुए, राष्ट्रपति ने वैश्विक भारतीय समुदाय से इस राष्ट्रीय मिशन में सक्रिय रूप से भाग लेने का आह्वान किया। उन्होंने ‘वसुधैव कुटुंबकम’— अर्थात ‘संपूर्ण विश्व एक परिवार है’— की भारतीय दर्शन को याद करते हुए कहा कि प्रवासी भारतीय आर्थिक प्रगति, सामाजिक न्याय और पर्यावरण संरक्षण में योगदान दें।

अपने संबोधन के अंत में, राष्ट्रपति मुर्मू ने भविष्य के प्रति आशा और दृढ़ संकल्प व्यक्त किया। उन्होंने भारतीय प्रवासियों से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर ऐसे भारत के निर्माण में भाग लें, जो वैश्विक मंच पर प्रगति और समृद्धि का प्रतीक बने।

प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन, जो विदेशों में बसे भारतीयों के योगदान का उत्सव मनाता है, भारत और इसके वैश्विक समुदाय के बीच संबंधों को गहरा करने का उद्देश्य रखता है।

प्रवासी भारतीय: भारत की वैश्विक ताकत
इस अवसर पर राष्ट्रपति मुर्मू ने यह भी कहा कि भारत की वैश्विक ताकत में प्रवासी भारतीयों का योगदान अहम है। उन्होंने प्रवासियों को भारत की बढ़ती ताकत और समृद्धि में हिस्सेदारी करने के लिए आमंत्रित किया। यह सम्मेलन न केवल भारत की सांस्कृतिक विरासत का उत्सव है, बल्कि यह भारतीय समुदाय के लिए एकजुट होकर विकास की दिशा में कार्य करने का आह्वान भी है।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.