बागपत हादसा: ई-रिक्शा और ठेले पर घायलों को ले जाया गया अस्पताल, अब तक 5 की मौत

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 28 जनवरी।
उत्तर प्रदेश के बागपत में हुए भीषण सड़क हादसे के बाद का दृश्य बेहद भयावह था। इस दर्दनाक घटना में अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं। हादसे के बाद अफरा-तफरी मच गई, और घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस का इंतजार किए बिना ई-रिक्शा और ठेलों का सहारा लेना पड़ा।

कैसे हुआ हादसा?

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह हादसा उस वक्त हुआ जब एक तेज़ रफ्तार वाहन ने कई लोगों को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि मौके पर ही कुछ लोगों की मौत हो गई, जबकि अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।

घायलों को बचाने की जद्दोजहद

हादसे के बाद मौके पर मौजूद स्थानीय लोग तुरंत मदद के लिए आगे आए। हालांकि, राहत और बचाव कार्य के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध न होने के कारण घायलों को ई-रिक्शा और ठेलों पर अस्पताल ले जाया गया। यह दृश्य हृदयविदारक था, जहां लोग अपने घायल परिजनों को किसी भी तरह अस्पताल पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे।

स्वास्थ्य सेवाओं पर उठे सवाल

इस घटना ने जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खोल दी। घायलों को समय पर एंबुलेंस न मिलने के कारण उन्हें ई-रिक्शा और ठेलों पर अस्पताल पहुंचाना पड़ा, जिससे सवाल उठता है कि आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए स्थानीय प्रशासन कितना तैयार है?

अब तक 5 की मौत, कई गंभीर

अस्पताल में इलाज के दौरान अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों का कहना है कि कुछ घायलों की हालत नाज़ुक है और उन्हें बेहतर इलाज के लिए रेफर किया जा सकता है।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

घटना के बाद प्रशासन हरकत में आया और जांच के आदेश दे दिए गए हैं। पुलिस का कहना है कि हादसे की पूरी जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जनता में आक्रोश

इस दर्दनाक हादसे के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश है। वे मांग कर रहे हैं कि प्रशासन सड़क सुरक्षा और आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को मजबूत करे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

बागपत हादसे ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हमारे देश में आपातकालीन सेवाओं की स्थिति कैसी है और ज़रूरतमंदों को समय पर सहायता क्यों नहीं मिल पाती।

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