सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के मिशन मोड में सरकार: प्रधानमंत्री मोदी

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 1 फरवरी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट सत्र 2025 की शुरुआत से पहले संसद परिसर में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार “सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन” (Reform, Perform, Transform) के मिशन मोड में आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि सरकार केवल आर्थिक विकास पर नहीं, बल्कि सामाजिक और भौगोलिक समावेशिता पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है।

बजट सत्र की शुरुआत पर मां लक्ष्मी को नमन

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत मां लक्ष्मी को नमन करते हुए की और देश के गरीब एवं मध्यम वर्ग के कल्याण के लिए आशीर्वाद की प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि भारत ने एक गणतंत्र के रूप में 75 वर्ष पूरे कर लिए हैं, जो कि लोकतांत्रिक विश्व में एक गौरवशाली उपलब्धि है।

“आज बजट सत्र की शुरुआत के मौके पर, हम मां लक्ष्मी को याद करते हैं, जो बुद्धि, समृद्धि और कल्याण प्रदान करती हैं,” पीएम मोदी ने कहा।

‘विकसित भारत’ के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते कदम

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार की तीसरी पारी में जनता का जो विश्वास और समर्थन मिला है, वह 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प को और मजबूत करता है। उन्होंने कहा कि सरकार नवाचार, समावेशन और निवेश को प्राथमिकता दे रही है, ताकि देश सभी क्षेत्रों में समान रूप से विकसित हो सके।

“सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन ही तेजी से विकास का मार्ग है,” प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देते हुए कहा।

राज्य और केंद्र सरकारों में समन्वय का महत्व

प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहयोग और जनभागीदारी ही परिवर्तन का आधार बनेगा। उन्होंने युवाओं को भारत के भविष्य का मुख्य चालक बताते हुए कहा कि अगले 25 साल देश को एक समृद्ध और विकसित राष्ट्र में बदलने के लिए समर्पित होंगे।

“आज के 20-25 वर्ष के युवा ही भारत को अगली सदी में ले जाएंगे और हमारे प्रयासों के परिणामों को साकार होते देखेंगे,” मोदी ने कहा।

युवाओं को स्वतंत्रता संग्राम से जोड़ा

प्रधानमंत्री ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम का उदाहरण देते हुए कहा कि 1930 और 1940 के दशक के युवाओं ने देश की आज़ादी में अहम भूमिका निभाई थी। इसी तरह, आज के युवा 2047 तक विकसित भारत के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाएंगे।

शांतिपूर्ण सत्र और सकारात्मक शुरुआत

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर संतोष जताया कि यह पहला बजट सत्र है जिसमें बाहरी ताकतों द्वारा कोई बाधा नहीं उत्पन्न की गई है। उन्होंने आशा जताई कि यह सत्र देश की आकांक्षाओं को पूरा करेगा और महत्वपूर्ण विधायी सुधारों और विकास पहलों पर केंद्रित रहेगा।

“यह पिछले दशक का पहला सत्र है जहां बाहरी ताकतों से कोई रुकावट नहीं आई है,” उन्होंने कहा।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन ने बजट सत्र 2025 के लिए एक सकारात्मक और विकासोन्मुखी दृष्टिकोण को स्पष्ट किया। सरकार सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के मंत्र के साथ विकसित भारत के लक्ष्य की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रही है। इस सत्र में महत्वपूर्ण कानूनी सुधारों और विकास योजनाओं पर विशेष ध्यान दिए जाने की उम्मीद है, जिससे भारत के उज्जवल भविष्य का मार्ग प्रशस्त होगा।

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