राष्ट्रपति भवन ने कांग्रेस के दावे खारिज किए, बयान को बताया ‘अस्वीकार्य’

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 1 फरवरी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संसद में अभिभाषण को लेकर कांग्रेस नेताओं द्वारा की गई टिप्पणी पर राष्ट्रपति भवन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेताओं ने दावा किया था कि राष्ट्रपति भाषण के अंत में थकी हुई दिखीं और बोलने में कठिनाई महसूस कर रही थीं।

राष्ट्रपति कार्यालय ने इन दावों को “निराधार और असत्य” बताते हुए इसे “अस्वीकार्य और खराब मानसिकता” का प्रतीक बताया।

राष्ट्रपति भवन का जवाब

राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति मुर्मू पूरे संबोधन के दौरान ऊर्जावान थीं और किसी भी क्षण थकी हुई नहीं दिखीं।

“राष्ट्रपति कभी थकान महसूस नहीं करतीं। हाशिए पर खड़े समुदायों, महिलाओं और किसानों की बात करना उनके लिए कभी थकाने वाला नहीं होता,” बयान में कहा गया।

भाषा की गलत व्याख्या का आरोप

राष्ट्रपति कार्यालय ने यह भी कहा कि यह संभव है कि हिंदी जैसी भारतीय भाषाओं की कुछ अभिव्यक्तियों को गलत संदर्भ में लिया गया हो। कुछ राजनीतिक दलों द्वारा जानबूझकर इस मुद्दे को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है।

राष्ट्रपति पद की गरिमा का सम्मान जरूरी

राष्ट्रपति भवन ने इस टिप्पणी को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताया और कहा कि ऐसे बयान पूरी तरह से बचाए जा सकते थे। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति पद की गरिमा का सम्मान किया जाना चाहिए, और राजनीतिक दलों को अपने वक्तव्यों में अधिक संवेदनशीलता दिखानी चाहिए।

राजनीतिक माहौल गरमाया

इस बयान के बाद, देश में आगामी चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक माहौल और गर्मा गया है। विपक्ष लगातार सरकार की नीतियों और नेतृत्व को चुनौती दे रहा है, जबकि सत्ता पक्ष राष्ट्रपति पर की गई टिप्पणियों को “अनुचित और अपमानजनक” बता रहा है।

निष्कर्ष

राष्ट्रपति मुर्मू के अभिभाषण को लेकर शुरू हुआ विवाद राजनीतिक गलियारों में नई बहस को जन्म दे चुका है। जहां सरकार इसे राष्ट्रपति की गरिमा से जुड़ा मामला मान रही है, वहीं विपक्ष इसे लोकतांत्रिक आलोचना का हिस्सा बता रहा है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और तूल पकड़ सकता है।

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