“वतन को जानो” कार्यक्रम के तहत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के बच्चों से की बातचीत

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,25 फरवरी।
केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज ‘वतन को जानो’ कार्यक्रम के तहत जम्मू-कश्मीर से आए 250 बच्चों से बातचीत की। इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवा पीढ़ी को भारत की सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक प्रगति से परिचित कराना और उनमें देश के प्रति भावनात्मक लगाव को बढ़ावा देना है। इस अवसर पर केंद्रीय गृह सचिव और खुफिया ब्यूरो (IB) के निदेशक भी उपस्थित थे।

“अनुच्छेद 370 हटने के बाद अब कश्मीर के बच्चों को भी पूरे भारत पर उतना ही अधिकार”

गृह मंत्री अमित शाह ने बातचीत के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अनुच्छेद 370 को हटाकर पूरे देश को एकजुट किया गया है। अब कश्मीर के बच्चों को भी उतने ही अधिकार प्राप्त हैं, जितने देश के अन्य राज्यों के बच्चों को। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम युवाओं को देश की विविधता से परिचित कराने के साथ ही उनके भीतर राष्ट्र प्रेम और आत्मीय जुड़ाव की भावना विकसित करता है।

“जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद मुक्त माहौल बनाने का संकल्प”

गृह मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि अब जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के कारण एक भी व्यक्ति की जान न जाए। उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों में पत्थरबाजी, बम धमाके और आतंकवाद जैसी घटनाएं समाप्त हो चुकी हैं और अब राज्य में तेजी से विकास हो रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि शांति ही विकास का आधार होती है। बीते तीस वर्षों में आतंकवाद के कारण 38 हजार लोगों की मौत हो चुकी थी, लेकिन अब स्थितियां बदल गई हैं। 80% नागरिक हत्याओं में कमी आई है और आने वाले समय में इसे पूरी तरह समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।

“जम्मू-कश्मीर में तेजी से हो रहा है विकास”

अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर अब शिक्षा, उद्योग, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में तेज गति से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि –

  • दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज, एशिया की सबसे बड़ी सुरंग और देश का एकमात्र केबल सस्पेंशन ब्रिज कश्मीर में बनाया गया है।
  • जम्मू-कश्मीर भारत का एकमात्र राज्य है जहां दो अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) और दो भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIMs) मौजूद हैं।
  • यहां 24 प्रमुख कॉलेज और 8 विश्वविद्यालय स्थापित किए गए हैं।
  • 36,000 निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को पंचायत और नगर निकायों में अधिकार मिले हैं, जिससे लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हुई हैं।

“बच्चे बन सकते हैं कश्मीर में स्थायी शांति के वाहक”

गृह मंत्री अमित शाह ने बच्चों से अपील करते हुए कहा कि “आप जहां से आए हैं, वहां वापस जाकर अपने परिवार, दोस्तों और गांव के लोगों से शांति, सद्भाव और विकास की बातें करें।” उन्होंने कहा कि अगर कश्मीर के हर बच्चे अपने माता-पिता और पड़ोसियों को यह समझाएं कि पूरा देश हमारा है और हमें आतंकवाद को खत्म करना है, तो जल्द ही हथियारों की जरूरत नहीं पड़ेगी।

उन्होंने कहा कि “जिस दिन कश्मीर के किसी भी व्यक्ति के हाथ में हथियार न हो और वहां की जनता बिना सेना और पुलिस के शांति से जीवन व्यतीत करे, वही असली जीत होगी।”

“वतन को जानो” कार्यक्रम के तहत बच्चों का भारत दर्शन

‘वतन को जानो’ कार्यक्रम के तहत जम्मू-कश्मीर के 250 बच्चे, जिनमें 62 लड़कियां और 188 लड़के शामिल हैं, को भारत भ्रमण का अवसर दिया गया। इस दौरान –

  • उन्होंने 15 फरवरी से जयपुर, अजमेर और दिल्ली का दौरा किया।
  • दिल्ली में उन्होंने कुतुब मीनार, लाल किला और अन्य ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण किया।
  • बच्चे 27 फरवरी को जम्मू-कश्मीर लौटेंगे।

युवा एक्सचेंज प्रोग्राम का उद्देश्य

गृह मंत्रालय और जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा संचालित ‘वतन को जानो’ कार्यक्रम का उद्देश्य है कि कश्मीर के युवाओं को भारत की विकास यात्रा और सामाजिक-सांस्कृतिक विविधता से जोड़ा जाए, जिससे वे देश के साथ भावनात्मक रूप से एकीकृत महसूस करें।

  • इस कार्यक्रम के तहत 2868 से अधिक युवा अब तक भाग ले चुके हैं।
  • इसमें अनाथालयों के बच्चों, आतंकवाद प्रभावित परिवारों के बच्चों और कमजोर वर्ग के बच्चों को प्राथमिकता दी जाती है।
  • साथ ही, शिक्षा, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में उत्कृष्टता प्राप्त करने वाले बच्चों को भी इस यात्रा का अवसर मिलता है।

निष्कर्ष

गृह मंत्री अमित शाह के इस संवाद से यह स्पष्ट होता है कि सरकार जम्मू-कश्मीर में स्थायी शांति और समग्र विकास के लिए संकल्पबद्ध है। अनुच्छेद 370 के हटने के बाद कश्मीर में सकारात्मक बदलाव आया है और अब वहां के युवा देश की मुख्यधारा में तेजी से जुड़ रहे हैं। ‘वतन को जानो’ जैसी पहल युवाओं को राष्ट्र की प्रगति से जोड़ने में सहायक सिद्ध हो रही है, जिससे कश्मीर में स्थायी शांति और विकास का सपना साकार हो सकेगा।

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