सीलमपुर हत्याकांड में ‘लेडी डॉन’ जिकरा का नाम आया सामने, सोशल मीडिया पर पिस्टल के साथ तस्वीरें और वीडियो वायरल

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,18 अप्रैल।
पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर इलाके में हाल ही में हुए सनसनीखेज हत्याकांड में एक नया मोड़ सामने आया है। मामले की जांच कर रही पुलिस के सूत्रों के अनुसार, इस हत्याकांड में एक महिला गैंगस्टर ‘लेडी डॉन जिकरा’ का नाम सामने आया है। बताया जा रहा है कि जिकरा न सिर्फ इस वारदात से जुड़ी हुई है, बल्कि उसका दिल्ली के अंडरवर्ल्ड में भी खासा दबदबा रहा है।

पुलिस को जिकरा की सोशल मीडिया प्रोफाइल से कई अहम सुराग मिले हैं। इंटरनेट पर जिकरा की पिस्टल और हथियारों के साथ कई तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं। इन तस्वीरों में वह खुलेआम हथियार लहराते हुए नजर आ रही है, जिससे उसकी आपराधिक छवि और भी स्पष्ट होती जा रही है।

जिकरा को इलाके में ‘लेडी डॉन’ के नाम से जाना जाता है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि वह पहले भी कई आपराधिक मामलों में संलिप्त रही है। उस पर पहले से ही अवैध हथियार रखने, मारपीट, रंगदारी वसूलने और गैंग के संचालन जैसे गंभीर आरोप हैं। सीलमपुर और आसपास के इलाकों में उसका नाम डर का पर्याय बन चुका है।

सीलमपुर में पिछले सप्ताह एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। शुरूआती जांच में यह मामला आपसी रंजिश का लग रहा था, लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, पुलिस को गैंगवार और जिकरा की भूमिका के संकेत मिलने लगे। बताया जा रहा है कि मृतक का संबंध जिकरा के विरोधी गुट से था, और यह हत्या उसी गैंगवार का नतीजा हो सकती है।

दिल्ली पुलिस ने जिकरा को पकड़ने के लिए कई ठिकानों पर दबिश दी है। फिलहाल वह फरार बताई जा रही है। उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने सोशल मीडिया से जुड़े सभी वायरल वीडियो और तस्वीरों को सबूत के तौर पर जांच में शामिल कर लिया है।

जिकरा का यह मामला न केवल अपराध की गंभीरता को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि कैसे अपराधी सोशल मीडिया का इस्तेमाल अपने डर और दबदबे को दिखाने के लिए कर रहे हैं। खुलेआम हथियारों के साथ पोस्ट की गईं तस्वीरें कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती हैं।

‘लेडी डॉन’ जिकरा का नाम सामने आना एक बार फिर दर्शाता है कि अपराध की दुनिया में अब महिलाएं भी संगठित और डिजिटल दोनों स्तरों पर सक्रिय हो चुकी हैं। पुलिस के लिए यह चुनौती सिर्फ अपराध रोकने की नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर पनप रहे अपराध के नए रूपों से भी निपटने की है।

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