श्रीनगर में महिला सशक्तिकरण की बिगुल! एलजी मनोज सिन्हा करेंगे ‘विमेन-लेड डेवेलपमेंट’ सेमिनार का उद्घाटन
श्रीनगर | 22 अप्रैल – कश्मीर की वादियों में इस बार सिर्फ फूल ही नहीं खिलेंगे, बल्कि महिलाओं के नेतृत्व में विकास की नई सोच भी पंख फैलाएगी। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा श्रीनगर में होने जा रहे “विमेन-लेड डेवेलपमेंट” पर राष्ट्रीय सेमिनार का उद्घाटन करने जा रहे हैं — और यह सिर्फ एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक नई क्रांति की दस्तक है।
सेमिनार का उद्देश्य साफ़ है – अब विकास की कहानी महिलाओं के हाथों से लिखी जाएगी। जहां एक तरफ़ घाटी लंबे समय तक संघर्ष और सियासत के साये में रही है, वहीं अब महिलाओं को ‘परिवर्तन की मशाल’ सौंपने की तैयारी हो चुकी है।
एलजी मनोज सिन्हा खुद इस मिशन के अगुआ बनकर सामने आए हैं और सेमिनार के उद्घाटन के दौरान वे एक शक्तिशाली संदेश देने जा रहे हैं – “कश्मीर की बेटियाँ अब विकास की धुरी होंगी।”
जानकारी के मुताबिक, इस हाई-प्रोफाइल इवेंट में देशभर से प्रसिद्ध महिला उद्यमी, नीति निर्माता, सामाजिक कार्यकर्ता, और शिक्षाविद् हिस्सा लेंगी। कश्मीर की स्थानीय महिलाएं भी मंच पर अपने संघर्ष और सफलता की कहानियाँ साझा करेंगी, जो खुद एक प्रेरणा बन जाएंगी।
मनोज सिन्हा पिछले कुछ समय से ‘गवर्नेंस विद ए ह्यूमन टच’ की नीति पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने प्रशासनिक महलों से बाहर निकलकर ज़मीनी सच्चाई को समझा है। और अब, इस सेमिनार के ज़रिए वह ये दिखाना चाहते हैं कि कश्मीर अब नकारात्मक सुर्खियों से नहीं, बल्कि महिला-नेतृत्व वाले विकास मॉडल से पहचाना जाएगा।
उनका मानना है कि महिलाएं केवल लाभार्थी नहीं, बल्कि योजनाओं की डिज़ाइनर और ड्राइवर बननी चाहिए – और यही सोच इस आयोजन की आत्मा है।
ऐसे समय में जब पूरी दुनिया में महिला अधिकारों पर बहस हो रही है, कश्मीर में यह पहल एक ‘गेमचेंजर’ साबित हो सकती है। यह सेमिनार न केवल महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देगा, बल्कि श्रीनगर को भारत के सामाजिक विकास के नक्शे पर एक नया आयाम देगा।
राजनीतिक गलियारों में भी इस सेमिनार की चर्चा ज़ोरों पर है। विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम आने वाले चुनावों और जम्मू-कश्मीर में ‘पीपुल-सेंट्रिक पॉलिसी’ को स्थापित करने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है।
यह कोई आम कार्यक्रम नहीं है। यह एक घोषणा है – कि अब महिलाएं सिर्फ घरों की नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की धुरी बनेंगी। श्रीनगर की वादियों से जब एलजी मनोज सिन्हा ये उद्घोषणा करेंगे, तो पूरा देश देखेगा कि कश्मीर की बेटियाँ कैसे एक नई इबारत लिख रही हैं – एक विकास की, नेतृत्व की और सशक्तिकरण की।
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