भारत-पाक तनाव पर चीन का बड़ा बयान: ‘रचनात्मक भूमिका’ निभाने को तैयार, वांग यी की अजीत डोभाल से अहम बातचीत
जीजी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली,11 मई: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर चीन ने एक बड़ा बयान जारी किया है। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने हाल ही में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल से बातचीत की, जिसमें उन्होंने दोनों परमाणु संपन्न पड़ोसियों के बीच तनाव को कम करने में ‘रचनात्मक भूमिका’ निभाने की पेशकश की है।
चीन का यह कदम ऐसे समय पर आया है जब दोनों देशों के बीच संबंध अपने निचले स्तर पर हैं। सीमा विवाद से लेकर कश्मीर मुद्दे तक, कई वर्षों से भारत और पाकिस्तान के बीच कटुता बनी हुई है। इस बीच, वांग यी का यह बयान नई भू-राजनीतिक समीकरणों की ओर इशारा कर रहा है।
चीन की इस ‘रचनात्मक भूमिका’ की पेशकश को कई कूटनीतिक विशेषज्ञ बीजिंग की एक ‘संतुलन बनाने’ की कोशिश के रूप में देख रहे हैं। एक ओर चीन का पाकिस्तान से दशकों पुराना ‘आयरन ब्रदर’ जैसा रिश्ता है, तो दूसरी ओर भारत से बढ़ता आर्थिक और कूटनीतिक संबंध उसे ‘नरम कूटनीति’ अपनाने पर मजबूर कर रहा है।
हालांकि, भारत लंबे समय से किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को सिरे से खारिज करता आया है। नई दिल्ली का हमेशा से मानना रहा है कि भारत-पाक मसले द्विपक्षीय हैं और इन्हें किसी बाहरी हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है।
सूत्रों के अनुसार, वांग और डोभाल की इस बातचीत में सीमा सुरक्षा, क्षेत्रीय स्थिरता और आतंकवाद जैसे मुद्दे प्रमुख रहे। माना जा रहा है कि चीन ने कश्मीर के मुद्दे पर अपनी ‘तटस्थता’ बनाए रखने का वादा किया है, जो भारत के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत इस चीनी पहल का किस तरह से जवाब देता है। क्या नई दिल्ली इस ‘रचनात्मक भूमिका’ को केवल एक कूटनीतिक शिष्टाचार मानकर नज़रअंदाज करेगी या फिर इसे एक रणनीतिक अवसर के रूप में अपनाएगी?
चीन का यह कूटनीतिक दांव ऐसे समय पर आया है जब भारत और पाकिस्तान दोनों ही आंतरिक राजनीतिक और आर्थिक संकटों से जूझ रहे हैं। ऐसे में बीजिंग की यह पेशकश केवल एक ‘शांतिपूर्ण प्रयास’ है या फिर इसके पीछे कोई बड़ी रणनीति छुपी है, यह वक्त ही बताएगा।
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